आखिर रहस्यमयी तरीके से मादा तेंदुआ के दांत गोपालपुर चिड़ियाघर से कैसे गायब हो गए? जिला ऊना के कलोह (गगरेट) से रेस्क्यू की गई मादा तेंदुआ को उपचार के बाद वन विभाग की टीम उसे सुरक्षित तरीके से चिड़ियाघर गोपालपुर लेकर गईं थी। गोपालपुर पहुंचने के बाद इस मादा तेंदुआ के दांत गायब हो चुके हैं। यह एक बड़ा रहस्य बना हुआ है कि आखिर ऊना में उपचार के दौरान तो दांत थे लेकिन अब वे कहां गए।
संरक्षित श्रेणी के इस वन्य प्राणी के साथ क्या जानबूझ कर ऐसा किया गया है। यह एक रहस्य बना हुआ है। अब जांच के बाद ही इस पर खुलासा हो सकता है। गोपालपुर चिड़ियाघर में उपचार कर रहे पशुपालन विभाग के चिकित्सक भी इस मामले पर कोई भी टिप्पणी नहीं कर रहे है इस मादा तंदूए को 5 अप्रैल को तब रिसक्यू किया गया था जब क्लच वायर उसके गले में धंस चुकी थी। इसके बाद पशुपालन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डा. अमित शर्मा ने इसका रैस्क्यू किया तो विभाग के सर्जन डा. निशांत ने सर्जरी कर इसका उपचार किया था। उस समय इसके सभी अंग सुरक्षित थे। यह मामला अब सोशल मीडिया पर भी वायरल होने लगा है। पशु पालन विभाग के सर्जन डा. निशांत ने माना कि मादा तेंदुआ के सभी अंग सही थे।
डी.एफ.ओ. ऊना मृत्युंजय माधव ने माना कि वन विभाग की टीम ने पशु पालन विभाग से उपचार करवाया था। उस समय मादा तेंदुआ के दांत भी थे और उसे स्वस्थ होने के बाद ही गोपालपुर चिड़ियाघर भेजा गया था। गोपालपुर चिड़ियाघर में तैनात पशु पालन विभाग की चिकित्सक डा. अंशुल चंदेल ने कहा कि इस मामले में रेंज ऑफिसर या वाइल्ड लाइफ डी. एफ. ओ. हमीरपुर ही कोई टिप्पणी कर पाएंगे।
वाइल्ड लाइफ के हमीरपुर स्थित डी.एफ.ओ. राहुल रुहानी ने कहा कि वह छुट्टी पर हैं। डी.एफ.ओ. हैडक्वार्टर धर्मशाला संजीव सिह का कहना है कि उन्होंने पिछले कल ही चार्ज संभाला है। उन्हें इस मामले जानकारी नहीं है। इस मामले पर पूरी जानकारी एकत्रित करेंगे।