आठवें दिन चंडीगढ़ से मनाली के लिए डडौर, चैलचौक, गोहर पंडोह होकर मार्ग हल्के वाहनों के लिए अस्थायी तौर पर बहाल हो गया है। एनएचएआई व फोरलेन के निर्माण में लगी कंपनियों ने पंडोह बांध से आगे कैंची मोड़ पर जो भारी भूसख्लन हुआ है, उससे हटकर बांध से ही सड़क को पीछे मोड़ कर लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह के पास पुराने मंडी कुल्लू मार्ग से मिलाने का जुगाड़ किसी तरह से कर दिया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मंडी सागर चंद ने बताया कि यह मार्ग बना तो दिया है मगर इस पर बड़े वाहन नहीं चल पाएंगे, न ही लदे हुए छोटे वाहन ही इस पर गुजारे जा सकेंगे।
यह सिर्फ हल्के छोटे वाहनों कार आदि के लिए ही अभी तक बन पाया है। उन्होंने बताया कि किसी की गलत सूचना के आधार पर बहुत सारे ट्क औट कुल्लू की ओर से आकर पंडोह बांध के उपर जहां भूसख्लन हुआ है तथा छोटे वाहनों के लिए सड़क खोली गई है के पास आकर जमा हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इन सब ट्क वालों को वापस बजौरा जाना होेगा क्योंकि जो मार्ग बनाया गया है वहां से होकर लोडेड ट्क गुजरने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
सब्जी व फल आदि से लदे हल्के वाहन भी एक दो दिन बाद ही शायद इस रास्ते से गुजर सकेंगे। इधर, मंडी से कुल्लू वाया कटौला कांडी होकर जा रहे वाहनों को बजौरा तक 2 घंटे की जगह 10 से 15 घंटे लग रहे हैं। ज्यादा वाहन आ जाने से पूरा पूरा दिन जाम लग रहा है। मंडी से पठानकोट मार्ग जो मंडी से 35 किलोमीटर दूर उरला के पास कोटरूपी में 6 दिन पहले बंद हो गया था को भी शनिवार शाम को बहाल कर दिया गया। अभी तक मंडी से जोगिंदरनगर, बैजनाथ, पालमपुर, धर्मशाला कांगड़ा पठानकोट का संपर्क कटा हुआ था।
जिले में हालात बेहद खराब हैं। हजारों मकान जमींदोज हो चुके हैं।, गांव के गांव दरक गए हैं। हजारों लोग दूसरों के घरों, स्कूलों, मंदिरों या अन्य जगहों पर शरण लिए हुए हैं। इससे लोगों के बीमार होने का भी खतरा बना हुआ है। पेजयल, बिजली व टेलीफोन की सेवाएं बुरी तरह से बाधित हैं। जिले से प्रलय की ऐसी ऐसी खबरें आ रही हैं जो दिल दहला देने वाली हैं। मंडी शहर के टारना हिल्स स्थित जल शक्ति विभाग की मुख्य अभियंता समेत अन्य सभी कार्यालयों वाला विशाल भवन दरक गया है। उसे खाली कर दिया गया है। वह शहर के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है।
सेशन हाउस को भूसख्लन से भारी खतरा पैदा हो गया है। इसी क्षेत्र में बिजली बोर्ड के पूर्व अभियंता पवन मल्होत्रा का करोड़ों का भवन बीती शाम जमींदोज हो गया। ऐसे सैंकड़ों भवन अकेले मंडी शहर में ही गिरने की कगार पर हैं। इधर, मंडी शहर में आठवें दिन भी पेयजल की सप्लाई सामान्य नहीं हो पाई है। बिजली भी बार बार गुल हो रही है। सड़कों के टूट जाने, मोबाइल नेटवर्क के बाधित होने, घरों के क्षतिग्रस्त होने के चलते अभी तक सारी सूचनाएं मिल नहीं पाई हैं।