कोरोना काल ने कई लोगों को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है। हालांकि ये मामला कोरोना से पहले का है लेकिन कारोना काल में न बैंक ने अर्की की छमाला निवासी बिमला देवी का साथ दिया, न ही व्यवस्था ने, जिसके चलते अपने 3 बच्चों सहित घर से बेघर हैं। बिमला देवी व उसके पति के आंसू ये बताने के लिए काफ़ी है कि सुकून की ज़िंदगी जी रहे थे लेकिन ये लोग आज सड़क पर है। ये आरोप पत्रकार वार्ता में अपने वकील सहित पहुंची बिमला ने लगाए हैं।
दरअसल 2018 में दान सिंह भंडारी ने एक व्यक्ति से दो ट्रक का टोकन दे दिया जिसके बदले 5 लाख का लोन ले लिया जिसको दो साल में 7 लाख ब्याज सहित वापिस कर दिया। लेकिन लोन देने वाले व्यक्ति के मन में खोट आ गया ओर उसने धोखाधड़ी से टोकन अपने नाम कर लिया। अब इस मामले को लेकर बिमला देवी का परिवार पुलिस से लेकर संबंधित विभागों से शिकायत कर चुका है बाबजुद इसके कुछ नहीं हुआ।
नतीज़ा ये है कि बिमला देवी का काम ठप पड़ गया ट्रक खड़े हो गए। एसबीआई बैंक ने होम लोन न चुकाने के चलते घर सील कर दिया है। इसलिए इसका परिवार अब कोरोना काल में भरी बरसात में घर से बेघर है। उधर लोन देने वाले महेंद्र सिंह से जब हमने संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि टोकन उन्होंने 13 लाख रुपए से खरीदा बाकी सभी आरोप बेबुनियाद है।