शिमला में वन्य प्रणाली हिमाचल वन विभाग द्वारा भारत सरकार सयुंक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम विश्व बैंक वित्त पोषित सिक्योर हिमालय "आजीविका संवर्धन, संरक्षण सतत उपयोग एवम उच्च परिस्थति तंत्र के पुनः स्थापन" कार्यशाला आयोजित की जा रही है। 130 करोड़ की ये परियोजना 2024 तक चलेगी। जिसमें पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की भागीदारी है। इसका कार्यक्षेत्र हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति, पांगी और किन्नौर के ऊंचाई वाले क्षेत्र है।
कार्यशाला में वन मंत्री गोविन्द ठाकुर ने कहा कि हिम तेंदुए और अन्य लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण संवर्धन के लिए बेहतर प्रबंधन को इसमें शामिल किया गया है। वन्यजीव अपराध के खतरों पर निगरानी जैसे कांर्यो को भी इसमें रखा गया है। पर्यटन को बढ़ाने के लिए स्थानीय लोगों की भूमिका अहम है। इसलिए अब लोग हिम तेंदुए और लुप्त प्रजातियों को मार नही रहे है बल्कि उनको पर्यटन को बढ़ाने के लिए सहयोग कर रहे हैं।