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बरसात के दौरान 1994 करोड़ का नुकसान, 10 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा

पी. चंद, शिमला |

प्रदेश सरकार ने इस साल बरसात से हुए नुकसान की रिपोर्ट अतिरिक्त सूचना सहित अंतर मंत्रालय केंद्रीय टीम को भारत सरकार से वित्तीय सहायता की संस्तुति के लिए प्रस्तुत की है। अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व मनीषा नन्दा ने बताया कि राज्य सरकार ने अंतर मंत्रालय टीम को सूचित किया है कि राज्य को इस वर्ष बरसात के दौरान 1994 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह नुकसान पिछले 10 सालों में हुए नुकसान में सबसे अधिक है।

गौरतलब है कि केंद्र से आई टीम को एक बार पहले भी बरसात से हुए नुकसान की रिपोर्ट सौंपी गई थी। इसमें लगभग 1600 करोड़ रुपये का नुकसान बताया गया था। लेकिन सरकार ने एक बार फिर से अतिरिक्त सूचना सहित रिपोर्ट तैयार की है जिसमें पहले के मुकाबले बरसात से हुए नुकसान में लगभग 400 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है।

नई रिपोर्ट के अनुसार बरसात के कारण सड़को और पुलों की क्षति के कारण सबसे अधिक नुकसान लोक निर्माण विभाग को पहुंचा है। इस पर कुल क्षति 881.24 करोड़ रुपये की आंकी गई है। वहीं कृषि विभाग को 151.98 करोड़, बागवानी विभाग को 441.83 करोड़, कृषि तथा बागवानी भूमि को 16.03 करोड़ रुपये, मत्स्य विभाग को 6.76 करोड़ रुपये, आवासीय क्षेत्र के लिए 43.03 करोड़, शहरी विकास को 34.46 करोड़, सिचांई एवं जन स्वास्थ्य को 430.04 करोड़, राज्य विद्युत बोर्ड को 53.50 करोड़, पशुपालन विभाग को 10 लाख और शिक्षा क्षेत्र को 11.77 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

इसके अलावा मवेशियों का 87 लाख का नुकसान हुआ जबकि अनुग्रह राशि पर 13.72 करोड़ रुपये व्यय किए गए। भारी बरसात से बाढ़, भू-स्खलन, बादल फटने तथा सड़क दुर्घटनाओं में 343 लोगों की जान गई है।

मुख्य सचिव ने कहा कि अन्तर मंत्रालय केन्द्रीय दल ने राज्य के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राज्य सरकार को बरसात के दौरान क्षति और नुकसान के संबंध में अतिरिक्त सूचना प्रस्तुत करने को कहा था। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने भी अंतर मंत्रालय केंद्रीय टीम के साथ मंडी प्रवास के दौरान बैठक की और राज्य को केंद्र  सरकार से अधिक से अधिक वित्तीय सहायता प्रदान करने का आग्रह किया और बताया कि बरसात के दौरान राज्य को भारी नुकसान पहुंचा है जो पिछले दस सालों में सबसे अधिक है।