24 अक्तूबर की शाम को मंडी के बल्ह उपमंडल के तहत आने वाले कोठीगैहरी गांव के पास हुए सड़क हादसे के लिए परिजनों ने लोक निर्माण विभाग को जिम्मेदार ठहराया है। परिजनों का आरोप है कि टूटी सड़क के कारण यह हादसा हुआ है। यदि सड़क ठीक होती तो हादसा नहीं होता और उनके परिवार के सदस्य की जान नहीं जाती।
बता दें कि यहां पर एक नैनो कार सड़क से नीचे लुढ़क गई थी जिसमें सवार 42 वर्षीय मोरध्वज की मौत हो गई थी जबकि उसका भतीजा घायल हो गया था। मृतक मोरध्वज के भतीजे मुकेश ने मीडिया को दिए बयान में बताया कि जहां पर हादसा हुआ वहां पर 2 सालों से सड़क टूटी थी और विभाग इसे सुधारने के लिए कोई काम नहीं कर रहा था। 1100 नंबर पर भी इसकी शिकायत की गई थी, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। हादसा होने के बाद अब वहां पर डंगा लगाया गया है यदि यह डंगा पहले लगाया होता तो हादसा नहीं होता और उनके चाचा की जान बच जाती। विभाग ने जो लापरवाही बरती है उसे लेकर अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर न्याय की गुहार लगाई जाएगी।
मामले की जांच जारी, घायल का बयान किया है दर्ज
एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि इसमें दुर्घटना संबंधी मामला दर्ज किया गया है। हादसे में घायल व्यक्ति ने सड़क की खराबी को हादसे की वजह बताया है। रिवालसर पुलिस चौकी की टीम ने घटनास्थल पर जाकर सारी स्थिति का जायजा लिया है। अभी मामले की जांच जारी है और पुलिस हर पहलू पर गंभीरता से जांच पड़ताल कर रही है।
सड़क खराब जरूर थी, लेकिन वाहनों के लिए पर्याप्त जगह थी
लोक निर्माण विभाग नेरचौक के अधिशाषी अभियंता ई. पीएस ठाकुर ने बताया कि सड़क टूटी जरूर थी लेकिन वहां पर वाहनों के गुजरने के लिए पर्याप्त जगह थी। रोजाना बसें और अन्य बड़े वाहन भी यहां से गुजरते हैं, जिन्हें कभी कोई दिक्कत नहीं आई। हादसे के लिए विभाग को दोषी ठहराना उचित नहीं है। वाहन को सावधानिपूर्वक चलाना चालक का काम होता है। आचार संहिता के कारण डंगे का काम नहीं हो सका था, लेकिन आचार संहिता हटते ही डंगा लगा दिया गया है।