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मंडी: बाहरी राज्यों से आए लोगों का कोरोना टेस्ट कराने की मांग पकड़ने लगी जोर

सचिन शर्मा |

कोविड-19 को लेकर की जा रही थर्मल स्कैनिंग पर लोगों में संशय बरकरार है। इससे बाहर से लाए गए लोगों की थर्मल स्कैनिंग के बाद विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचाने से कोरोना को फैलने को लेकर डर सताना शुरू हो गया है। वहीं, स्थानीय लोगों में अब रेड जोन से मंडी जिला में आने वाले लोगों का कोरोना टेस्ट करने की मांग जोर पकड़ने लगी है।

थर्मल स्कैनिंग को लेकर लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज और कोविड-19 अस्पताल नेरचौक के एसएमएस डॉ. देवेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि थर्मल स्कैनर कोरोना वायरस को लेकर शरीर का तापमान मापने को लेकर एक डिवाइस है और यह एक जांच करने का तरीका है। उन्होंने कहा कि खांसी, जुकाम, नाक का बहना और बुखार और सांस का फूलना कोरोना के लक्षण हैं। थर्मल स्कैनिंग एक लक्षण को परखने का तरीका है। इससे माध्यम से बुखार चेक करने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से थर्मल स्कैनिंग से बिना थर्मामीटर के बुखार चेक किया जाता है। लेकिन थर्मल स्कैनिंग कोरोना का कोई ईलाज नहीं है।

डॉ. देवेंद्र शर्मा ने कहा कि बाहरी क्षेत्रों से आए हुए लोगों के टेस्ट करना जरूरी नहीं है। लोग एक नीति के अंतर्गत राज्य में आए हैं और उन्हें 14 दिनों के लिए होम क्वांटराईन किया गया है। अगर बाहरी इलाकों से आने वाले लोग कोरोना पाजिटिव के संपर्क में आए होगें तो 14 दिन तक होम क्वांटराईन करने से लक्षण आने पर उसका कोरोना टेस्ट किया जाएगा। शर्मा ने कहा कि इस समय सीमा में अगर कोरोना का कोई लक्षण नहीं आता है तो उसका टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं है।