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मंडी: धर्मपुर न्याय मंच का आरोप, कायदे कानून को ताक पर रख काम कर रहे PWD के एक्सईन

संजय गुलेरिया, धर्मपुर |

धर्मपुर लोक निर्माण मंडल में सारे काम कायदे कानून को ताक पर रखकर किए जा रहे हैं । यहां पहले ठेके दे दिए जाते हैं फिर बाद में टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाती है, जिससे सरेआम लाखों करोड़ों रुपए की लूट की जा रही है। यह आरोप धर्मपुर न्याय मंच ने लगाए हैं। मंच का कहना है कि ईमानदार सरकार की बात करने वाले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर धर्मपुर में हो रही धांधली पर आंखे बंद कर लेते हैं। यहां पीडब्ल्यूडी के एक्सईन द्वारा रोज नए घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है जिसका आरटीआई से खुलासा हो चुका है। अगर सरकार इस अधिकारी को निलंबित कर जांच नहीं बिठाती तो न्याय मंच कोर्ट की शरण लेगा जहां सरकार को जबाब देना पड़ेगा।जनता में को भी इस कार्यप्रणाली के बारे में जागरूक किया जाएगा ताकि भ्र्ष्टाचार पर लगाम कसी जा सके।

एक्सईन PWD धर्मपुर को निलंबित करने की उठी मांग

धर्मपुर में जारी जंगलराज के एक और मामले का पर्दाफ़ाश हुआ है। जिसके तहत लोक निर्माण विभाग के उपमंडल टिहरा के अंतर्गत धलौन (तनिहार) से राख (कमलाह) 7 किलोमीटर रोड़ की कटिंग का काम और लांबरी से सकोहटा रोड़ की मुरम्मत का कार्य बिना टेंडरों के ही करवा दिया गया और बाद में खाना पूर्ति के लिए 28 दिसंबर को टेंडर आमंत्रित करने का नोटिस जारी किया था। जिसके लिए 26 तारीख़ को टेंडर फार्म जारी करने का समय निर्धारित किया गया था। 

इस दौरान एक अन्य पंजीकृत ठेकेदार ने एक्सईन धर्मपुर के कार्यालय में जाकर टेंडर फार्म मांगा तो उसे फार्म नहीं दिया गया। फार्म भरने हेतु वह ठेकेदार तीन दिन तक कार्यालय में जाता रहा। लेक़िन उसे फार्म भरने नहीं दिया गया और फ़िर टेंडर जमा करने के दिन उसके साथ कार्यालय में मारपीट करने भी की गई है। जिसकी शिकायत उक्त ठेकेदार द्धारा मुख्यमंत्री को आनलाईन 2 जनवरी को 134635,134636, 134641 और 134649 नंम्बर के तहत दर्ज कराई है और इन दोनों टेंडरों को रद्द करने और एक्सईन लोकनिर्माण विभाग धर्मपुर के ख़िलाफ़ कार्यवाई की मांग की है।

शिकायतकर्ता ठेकेदार ने आरोप लगाया है कि एक्सईन ने तीन दिन से उसे टेंडर न भरने के लिए दबाब डाला और फिर टेंडर भरने के अंतिम दिन उसके साथ कार्यालय में हाथापाई की औऱ मारपीट भी की है। उन्होंने अपनी शिकायत में ये बात भी दर्ज की है कि ये दोनों काम जिनके टेंडर बाद में लगाये गए हैं इनका काम आईपीएच मंत्री के रिश्तेदार से करवा दिए गए हैं। और अब केवल उन्हीं को इसे वे बाद में कागज़ों में दर्शाना चाहते हैं।

धर्मपुर न्याय मंच ने मांग उठाई है कि इन टेंडरों को रद्द किया जाये और टेंडर प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की जाए और कार्यालय में हाथापाई करने वालों के साथ नियमानुसार कार्यवाई की जाए। धर्मपुर न्याय मंच ने ये भी कहा कि पिछले दो वर्षों से सभी टेंडरों का चयन राजनीतिक आधार पर हो रहा है और एक्सईन धर्मपुर, मंत्री और उनके बेटे की रबड़ स्टैम्प बने हुए हैं। इसलिए उन्हें इन धांधलियों के लिए सस्पेंड किया जाये और एसडीओ टिहरा के विरुद्ध भी कार्यवाई कि जाये।

उन्होंने आरोप लगाया कि धर्मपुर में कोई भी टेंडर नियमानुसार आवंटित नहीं हो रहे हैं और न ही कोई पारदर्शिता से यहां काम हो रहा है। बहुत से काम मन्त्री के चहेते ठेकेदारों को टेंडर प्रक्रिया शुरू करने से पहले ही मौखिक आधार पर दे दिए जाते हैं और बाद में उनकी औपचरिकतायें पूरी की जाती है। बाकी ठेकेदारों को तो टेंडर फार्म ही नहीं दिए जाते हैं और सारी व्यवस्था चरमरा गई है औऱ सारा काम नियमों के विपरीत हो रहा है।

ऐसा ही प्रकरण छः माह पहले भी एक्सईन कार्यालय में हुआ है और एक्सईन धर्मपुर गैरकानूनी तरीके से सारे ठेके आवंटित करने का काम कर रहे हैं। और एक ही बड़े काम को छोटे छोटे टुकड़ों में डिवाइड करके मंत्री के इशारे पर उनके चेहतों को आवंटित करने का काम कर रहे हैं जो सभी गैर कानूनी प्रक्रिया है। मंच इस प्रक्रिया को आने वाले दिनों में न्यायालय में भी उठायेगा।