इस बार का मंडी में आयोजित होने वाला अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि मेला ऐतिहासिक होने जा रहा है। देश को आजादी मिलने के बाद पहली बार सुकेत रियासत (सुंदरनगर) के देवी-देवता अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत करेंगे। सुकेत सर्व देवता कमेटी सुंदरनगर और सर्व देवता कमेटी मंडी में आजादी के बाद से ही सभी रियासतों के विलय होने के मतभेद उभर कर सामने आये थे। इसके बाद मंडी शिवरात्रि मेले में सुकेत के देवताओं को नहीं बुलाया जाता था। इन्हीं आपसी मतभेद को सुलझाने के लिए दोनों कमेटियों की संयुक्त बैठक सुंदरनगर में आयोजित की गई। इसमें ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए दोनों समितियों ने विवाद सुलझा लिया है।
सुकेत के देवी-देवता होंगे पंजीकृत
शिवरात्रि मेले में सुकेत के देवताओं को पंजीकृत करने की मांग काफी समय से उठाई जा रही थी। इस बैठक में दोनों कमेटियों के मध्य आपसी विवादों को लेकर चर्चा की गई। इसके उपरांत सुकेत सर्व देवता कमेटी की सभी मांगों को मंडी सर्व देवता कमेटी ने स्वीकार करते हुए शिवरात्रि मेले में सुकेत के देवी-देवताओं को पंजीकृत करने का वायदा किया और निर्णय लिया गया कि शिवरात्रि मेले में मान सम्मान के साथ सुकेत के देवताओं को बुलाया जाएगा।
सर्व देवता समिति मंडी के प्रधान शिवपाल शर्मा ने कहा कि दोनों समितियों ने इस बार सकारात्मक रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि देव समाज के लिए यह बड़ी खुशी की बात है। एकजुट होकर दोनों समितियां काम करेंगी। उन्होंने सुकेत सर्व देवता कमेटी का आभार जताया है। सुकेत सर्व देवता कमेटी के प्रधान अभिषेक सोनी ने बैठक के बाद बताया कि दोनों देव कमेटियों के बीच चल रहा विवाद अब खत्म हो गया है। जल्द सुकेत के देवता मंडी शिवरात्रि मेले में खुशी से शिरकत करेंगे। रात्रि ठहराव की समस्या को देखते हुए अभी देव सदन के निर्माण के बाद ही देवता मंडी शिवरात्रि मेले में शिरकत करेंगे।
बता दें कि सुकेत सर्व देवता कमेटी सुंदरनगर और सर्व देवता कमेटी मंडी के बीच विवाद सुकेत के देवताओं को शिवरात्रि मेले में न बुलाने के कारण हुआ था। आजादी के बाद से सभी रियासतों के विलय होने के बाद भी राजाओं की परंपराओं को कायम रखते हुए सुकेत के देवताओं को शिवरात्रि में नहीं बुलाया जाता है। इसको लेकर सुकेत सर्व देवता कमेटी लंबे समय से सुकेत के देवताओं को शिवरात्रि मेले में बुलाए जाने की मांग करती आ रही थी। सुकेत देवता कमेटी देवताओं के पंजीकरण के साथ शिवरात्रि में शामिल होने की पक्षधर थी लेकिन सर्व देवता कमेटी मंडी इसके लिए तैयार नहीं थी। इसके चलते विवाद साल दर साल बढ़ता जा रहा था। लेकिन, सुंदरनगर में हुई बैठक में दोनों कमेटियों ने एक साथ विवाद को विराम लगाते हुए मान्य निर्णय लिए।