<p>हिमाचल के पांच दिवसीय दौरे पर आ रहे केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से फोरलेन संयुक्त संघर्ष समिति ने प्रभावितों के लिए चार गुणा मुआवजे के साथ पुनर्स्थापना व पुनर्वास के प्रावधान को लागू करने का एलान करने की मांग उठाई है। संयुक्त संघर्ष समिति के (कीरतपुर से नागचला),अध्यक्ष, जोगिन्दर वालिया ने कहा है कि लंबे इंतजार के उपरांत भी अभी तक कीरतपुर से नागचला-मनाली लंबित शिकायतों के निपटारा राज्य सरकार नहीं कर पाई है । ऐसे में केंद्र सरकार जल्दी से निपटारा हेतु तुरंत निदान करवाए ताकि समय रहते किसानों को राहत दिलाई जा सके ।</p>
<p>दूसरी तरफ संघर्ष समिति ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रस्तावित फोरलेन में नगर एवं ग्राम योजना (टीसीपी) को सरकार ने लागू कर दिया है। जिसके चलते आम लोग फोरलेन सड़क से उजड़ने के उपरांत अपना घर भी नहीं बना पा रहे हैं। राष्ट्रीय उच्च मार्ग के अनुसार 5 मीटर कंट्रोल ब्रिड्थ के लिए जमीन छोड़नी पड़ रही है। इसके लिए ज्यादातर ग्राम पंचायतों द्वारा निरस्त करने के प्रस्ताव की प्रतिलिपि सरकार को भेजी जा चुकी है। अत मांग कि जाती है कि नगर ग्राम योजना के अंतर्गत प्रस्तावित फोर लेन के साथ लगते गांवों को टीसीपी योजना से निरस्त किया जाये एवं आम किसानों को राहत दी जाए ।</p>
<p>राष्ट्रीय उच्च मार्ग से मांग कि गई कि फोरलेन की एवज में बचे हुए जमीन व मकान के अवार्ड घोषित किये जाएं और उनके मुआबजे का निपटारा भूमि अधिग्रहण अधिकारी द्वारा अतीशीघ्र किया जायेगा। जिन बचे हुए मकानों के निचे की जमीन ले ली गई हे उनका मूल्यांकन भी किया जायेगा और फोरलेन सड़क व बची हुई जमीन की निशानदेही करके पक्के निशान लगाये जाएंगे। मकानों का मुआवजा लोक निर्माण विभाग द्वारा अधिकृत रेट के अनुसार नहीं दिया है और 2014 के रेट (18000 पर मीटर ) के वजाय वर्तमान 2018 के रेट (22000 पर मीटर) के मुताबिक अतरिक्त 12 प्रतिशत ब्याज सहित दिया जाये, फोरलेन के कारण 29 मीटर ,30 मीटर, 45 मीटर सड़क के बाहर प्रभावित मकानों को उचित मुआबजा दिया जाये।</p>
<p>फोरलेन सयुंक्त संघर्ष समिति सरकार से मांग की है कि स्थानीय लोगों को रोजगार, विस्थापित दुकानदारों को उचित मुआवजा, रोड़ प्लान में बदलाव, टनल के कारण घरों का नुकसान का मुआवजा , पानी का रिसाव, जमीन का कटाव, प्रस्तावित बस स्टैंड के पास पैदल पथ या भूमिगत रास्ते बनाये जाने और सम्पर्क मार्ग के लिए टी पॉइंट और टेलिफोन लाइन, व पानी की निकासी हेतु भूमिगत पुल, कुएं व हैण्ड पंप, स्कूलों, मन्दिरों को पुनर्स्थापित किया जाये ।</p>
<p>समिति ने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया है कि वह फोरलेन प्रभावितों की मांगों व समस्याओं को गंभीरता से लें, जो मांगें प्रदेश सरकार के स्तर की हैं उनके बारे में प्रदेश सरकार को आदेश दें । जबकि जो केंद्र स्तर की हैं उनको स्वयं हल करवाएं ताकि प्रभावितों में जो रोष पनपा है वह खत्म हो सके। इससे पहले कि प्रभावित आंदोलन की राह पकड़े इस बारे में कदम उठाए जाएं।</p>
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