शिमला में हुई कोरोना पीड़ित की मौत के बाद उसके संस्कार को लेकर उठे सवालों से पूरी तरह सबक लेते हुए प्रदेश में कोरोना महामारी से मरने वाले तीसरे व्यक्ति का अंतिम संस्कार पूरे हिंदु रीति रिवाजों ओस सम्मान के साथ किया गया। हमीरपुर जिले के गलोड़ लहड़ा निवासी 52 साल की इस पीड़ित की शुक्रवार शाम को उस समय मौत हो गई थी जब उसे हमीरपुर के भोटा स्थित राधा स्वामी कोविड —19 सेंटर में हालत बिगड़ जाने के कारण नेरचौक के लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कालेज नेरचौक मंडी के कोविड—19 अस्पताल के लिए रैफर किया गया था मगर पहुंचने पर वह एंबुलैंस में ही मृत पाया गया था। प्रदेश में इसके साथ ही कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या तीन हो गई है।
मौके पर मौजूद मृतक के 25 वर्षीय बड़े बेटे शुभम ने पीपीई किट पहने ही अपने पिता की चिता को मुखाग्रि दी। उसने जब अपने पिता का चेहरा अंतिम बार देखा तो वह फूट-फूट कर रोया और माहौल गमगीन हो गया। अंतिम संस्कार की पूरी प्रक्रिया की मृतक के बेटे के साथ गए परिजन ने विडियोग्राफी की जो अब मृतक के अन्य परिजनों को दिखाने के लिए मात्र यही एक जरिया रहेगा। इस दुखद समय पर प्रशासन द्वारा पूरी एतिहात बरतते हुए शव को लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज से दाह संस्कार वाले स्थान पर लाया गया। शव को लाते समय मेडिकल कॉलेज टीम और रेडक्रॉस सोसायटी मंडी के कार्यकर्ताओं सोसायटी के सचिव ओ पी भाटिया की अगुवाई में पीपीई किट पहनी हुई थी।
वहीं, प्रशासन द्वारा मृतक के बेटे शुभम और अन्य 2 परिजनों को भी पीपीई किट पहनाकर मौके पर लाया गया। मृतक के बेटे शुभम व परिजनों द्वारा शव के चेहरे को अंतिम बार देखकर सुबह के 8 बजकर 54 मिनिट पर शव को मुखाग्नि प्रदान की। दाह संस्कार के दौरान प्रशासन द्वारा मौके पर हिंदू रीति रिवाजों के अनुसार पंडित के माध्यम से पूरा अंतिम संस्कार की विधि को अपनाया गया। बता दें कि बीते कल इस मरीज का देहांत हमीरपुर से लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक लाते समय हो गया था। इसके उपरांत मृतक के घर वालों को सूचना देने के उपरांत सुबह शव का दाह संस्कार नेरचौक के कंसा में किया गया।
परिजनों के साथ मृतक की संबंधित ग्राम पंचायत लहड़ा के उपप्रधान राकेश भी मौजूद रहे। दाह संस्कार के समय पर मौके पर पुलिस बल के साथ मंडी पुलिस की क्वीक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) का हथियारों से लैस होकर कड़ा पहरा मौजूद रहा। दाह संस्कार के समय मौके पर हमीरपुर के एडीएम हमीरपुर जितेंद्र सांजटा एसडीएम बल्ह आशीष शर्मा, एसडीएम सुंदरनगर राहुल चौहान, लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज के एमएस डॉ देवेंद्र शर्मा व उनकी टीम, बीडीओ बल्ह और रेडक्रॉस मंडी के सचिव ओपी भाटिया टीम सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
घबराने की जरूरत नहीं मृतक शरीर में नहीं रहता वायरस
नेरचौक मेडिकल कालेज अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. देवेंद्र शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को शाम साढ़े 5 बजे जब हमीरपुर के भोटा अस्पताल से कोरोना पीड़ित को नेरचौक में लाया गया तो उनकी टीम पहले से ही तैयार थी। एंबुलेंस के चालक और साथ आए स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि मरीज की हालत ठीक नहीं लग रही है। ऐेसे में उसे एंबुलैंस की बीच ही चेक किया गया मगर तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। उसे शाम को 5 बजकर 50 मिंट पर मृत घोषित कर दिया गया। इसकी सूचना जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को दी गई। नियमों के अनुसार शव को एक विशेष कवर में डालकर बंद करके शवगृह में रखा गया। बाद में मंडी हमीरपुर के जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग व मृतक परिजनों की सहमति से तय हुआ कि उसका अंतिम संस्कार मंडी में ही किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इसके लिए व्यक्तिगत सुरक्षा किट समेत सभी तरह की सावधानियां बरती गई। अंतिम संस्कार भी हिंदु रीति रिवाजों के अनुसार दिन के उजाले में किया गया। डॉ देवेंद्र शर्मा ने सपष्ट किया कि कोरोना का वायरस केवल जीवित शरीर में ही होता है, मरने के बाद यह नहीं रहता। ऐसे में किसी को भी घबराने या डरने की जरूरत नहीं है।