मंडी, 15 अप्रैल: इग्नू के मार्फत डिग्री लेने का सपना संजोए लगभग 15 छात्र 5 सालों से प्रैक्टिकल परीक्षा न लेने के कारण अधर में लटके हुए हैं। बता दें कि इग्नू के मंडी स्थित अध्ययन केंद्र में इन बच्चों ने बीएससी जनरल में 2019 के बैच में प्रवेश लिया। इसी बीच कोरोना के कारण प्रथम वर्ष में इन्हें प्रमोट कर दिया गया। दूसरे वर्ष पेपर कोरोना के कारण देरी से हुए। तीसरे वर्ष के पेपर दिसंबर 2022 में पूरे हो गए लेकिन 2022 में द्वितीय वर्ष के प्रैक्टिकल के समय बताया गया कि प्रथम वर्ष के प्रेक्टिकल भी होंगे। यह भी बताया गया कि उन्हें सिर्फ थ्योरी में प्रोमोट किया गया है। यह सुन कर बच्चे परेशान हुए लेकिन प्रैक्टिकल के लिए हामी भरी परंतु उन्हे मंडी केंद्र से प्रेक्टिकल की डेट नहीं मिली। कुछ ने हमीरपुर जाकर अगस्त सितम्बर 23 में प्रथम वर्ष के प्रेक्टिकल दिए।
अधिकतर हमीरपुर नहीं जा पाए क्योंकि 25 से 30000 तक का रहने ठहरने खानें पीने व अन्य खर्च का जुगाड़ नहीं कर पाये। कुछ बच्चे अन्य, संस्थानों में लंबा अवकाश न मिलने के भी नहीं जा पाए। अब ये बच्चे प्रेक्टिकल के लिए कभी अध्ययन केंद्र मंडी तो कभी क्षेत्रीय केंद्र शिमला के चक्कर काट रहे हैं । उन्हें दिलासे के सिवा अभी तक कुछ नहीं मिला। अब तो उन्हें यह भी कहा जा रहा हैं कि प्रत्येक प्रेक्टिकल के लिए अलग अलग जगह जाना पड़ेगा। इग्नू का मतलब ही बच्चों को सुविधा देने से है ताकि दूसरे कार्यों के साथ बच्चे पढ़ाई कर सके लेकिन इग्नू 2019 का यह बैच मझधार में किनारा ढूंढ रहा है।
दूसरी ओर कॉलेज के रेगुलर क्लास वाले विद्यार्थियों को फर्स्ट व सेकंड ईयर वालों को प्रमोट कर दिया गया। आज तक इन बच्चों के फाइनल ईयर के प्रैक्टिकल भी नहीं हुए हैं। इसके चलते उन्होंने दो साल को बचाने के लिए एक महीने के भीतर प्रेक्टिकल लेकर या किसी अन्य प्रकार से उनका फाइनल परीक्षा परिणाम देने की गुहार लगाई है। इस संबंध में इग्नू अध्ययन केंद्र मंडी के समन्वयक राजकुमार व क्षेत्रीय निदेशक शिमला जोगेंद्र कुमार ने बताया कि मामला उनके ध्यान में है लेकिन संख्या कम होने से हर केंद्र पर प्रैक्टिकल करवाना संभव नहीं है। शीघ्र ही उचित कार्रवाई की जाएगी।