राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सात दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मंडी शिवरात्रि महोत्सव के समापन अवसर पर शुक्रवार को मंडी में श्री राज माधव मंदिर से पड्डल मेला ग्राउंड तक पारम्परिक तीसरी एवं अंतिम जलेब (शोभायात्रा) की अगुवाई की। इससे पहले, राज्यपाल ने राज देवता श्री माधव राय और बाबा भूतनाथ मंदिर में पूरे विधि विधान से पूजा-अर्चना की। इस बार महोत्सव में 194 पंजीकृत देवी-देवता पहुंचे। शिवरात्रि महोत्सव के समापन पर शुक्रवार को चैहटा की जातर के बाद दोपहर दो बजे जलेब शुरू हुई जो चैहटा, समखेतर, बालक रूपी मंदिर व बाबा भूतनाथ मंदिर के बाद सेरी मंच से होते हुए पड्डल में संपन्न हुई।
इस अवसर पर पड्डल मैदान में जनसमूह को संबोधित करते हुए बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हिमाचल की समृद्ध देव संस्कृति और इसमें लोगों की गहरी आस्था एक ऐसी धरोहर है जो इस पहाड़ी प्रदेश की विशेषता है। उन्होंने जलेब में शामिल होने के अपने अनुभव को अभूतपूर्व बताया और कहा कि देव आस्था और लोक संस्कृति का अद्भुत समागम देख कर वह अभिभूत हैं। उन्होंने इस बार जलेब की पुरातन परंपरा को पुनः स्थापित करने के लिए जिला प्रशासन की पूरी टीम व महोत्सव समिति के सभी सदस्यों की सराहना की।
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राज्यपाल ने महोत्सव में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को मजबूती देने के लिए बेटियों का उनके माता पिता के साथ हिमाचली परिधानों में रैम्प वाॅक और फैशन शो आयोजित करने के लिए भी महोत्सव समिति की तारीफ की। उन्होंने कहा कि महिलाओं की तरक्की के साथ देश की तरक्की जुड़ी है। महिलाएं बढ़ेंगी तो देश बढ़ेगा। आज हर क्षेत्र में महिलाएं आगे आईं हैं। समावेशी विकास के लिए उनकी भागीदरी जरूरी है। उन्होंने महिलाओं को समान अवसर देने और उन्हें प्रोत्साहित करने की जरूरत को रेखांकित किया। बंडारू दत्तात्रेय ने मेले में पधारे देवी-देवताओं के मान-सम्मान और सभी देवलुओं, बजंतरियों की सुविधाओं का अच्छा ध्यान रखने के लिए महोत्सव समिति की पीठ थपथपाई। इस मौके राज्यपाल ने महोत्सव में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किए।