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मंडीः गौशाला में रहने को हुई मजबूर कोटली की विधवा, टूटी प्रशासन की नींद

पी. चंद |

जिला मंडी की सदर तहसील कोटली के गांव कोट की वृद्ध विधवा महिला हिम्मी देवी पर उस वक़्त दुखों का पहाड़ टूट पड़ा जब आफ़त बनी बरसात ने उसके सिर से छत छीन ली। 61 साल की हिमी देवी अनुसूचित जाति से संबंध रखती है। 15 साल पहले पति ने मौत से दोस्ती कर इसका साथ छोड़ दिया। एक बेटा था उसकी मानसिक स्थिति इतनी ख़राब थी कि पिछले 7 साल से लापता है। वक़्त के थपेड़ों की मार से जूझ रही हिमी देवी पर उस वक़्त दुखों का पहाड़ टूट पड़ा जब  2 कमरों का पुश्तैनी कच्चा मकान था 10 अगस्त की रात बरसात की भेंट चढ़ गया। बूढ़ी जिंदगी तो बच गई लेकिन संकट सिर छुपाने की छत का था। जब हिमी देवी को कुछ नही सुझा तो अपनी गौशाला में गाए के साथ रहने को मज़बूर होना पड़ा।

इस समाज की यही बिडम्बना है कि ये गरीब महिला अंत्योदय तक में नहीं डाली गई है। समाचार फर्स्ट ने इस महिला से संपर्क किया तो हिमी देवी ने बताया कि एक बेटा था और 7 साल से लापता है। सामाजिक पेंशन छः-छः माह बाद मिलती है। पंचायत प्रधान ने इसे आईआरडीपी या अंत्योदय तक में नहीं डाला है। बीते कल प्रशासन की तरफ से लोग आए थे जिन्होंने 2500 रुपये की राहत दी है।

डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि इस महिला को अब दूसरी जगह रहने का कमरा दे दिया गया है। जल्द ही हिमी देवी के मकान की मुरम्मत की जाएगी। फ़िलहाल सरकार अब कच्चे घर के ढहने पर सिर्फ 40 हज़ार या इससे कम राहत राशि प्रदान करती है। इतनी राशि तो आज के मंहगाई के दौर में लेबर पर ही ख़र्च हो जाती है।