ईमानदारी आज भी जिंदा है यह सच्चाई उस समय सामने आई जब एक मज़दूर ने दस्तावेजों और पैसों से भरा पर्स उसके मालिक को वापस लौटा दिया। जानकारी के अनुसार वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला डैहर (सुंदरनगर) में कैमिस्ट्री के लैक्चरार पंजेहटी निवासी अनिल कटोच सुंदरनगर से मंडी आ रहे थे। इसी दौरान कुछ सामान लेने के लिए वह पुलघराट के पास रूके। सामान लेकर जब वह अपने वाहन पर बैठे तो इसी बीच उनका पर्स वहां सड़क पर गिर गया।
रास्ते में जब उन्हें पर्स गुम होने का पता लगा तो उन्होंने संभावित जगहों पर इसकी तलाश की। लेकिन पर्स न मिलने पर उन्होंने पुलिस में गुमशुदगी की रपट दर्ज करवाई। पर्स में करीब 1800 रूपये की नकदी, लाइसेंस, पैन, आधार, एटीएम कार्ड, चाबियां और उनके कार्यालय के आवश्यक दस्तावेज थे। अगले दिन सुबह उन्हें फोन पर पर्स मिलने की सूचना मिली। यह पर्स सब्जी मंडी में मज़दूरी का काम करने वाले कठुआ (जम्मू) निवासी रवि सिंह को मिला था। जिन्होंने इसे अपने मालिक को सौंप दिया था।
मजदूर ने पर्स में पड़े विजिटिंग कार्ड से पर्स के मालिक का पता लगाकर उन्हें सूचना दी। पर्स मिल जाने के बाद अनिल कटोच ने रवि सिंह को ईनाम के रूप में कुछ राशि देनी चाही। लेकिन मज़दूर ने इससे साफ मना कर दिया। हालांकि बाद में उन्हें बड़ी मुश्किल से एक हजार रूपये की राशि बतौर ईनाम प्राप्त करने के लिए मना लिया गया।