हाईकोर्ट द्वारा राज्य के सभी नेशनल, स्टेट हाईवे और सड़कों से तीन माह में अवैध कब्जे हटाने के हिमाचल प्रदेश सरकार को आदेश दिए गए हैं। जिसकी अनुपालना संबंधित विभागों ने करना शुरू कर दी है। विभागों द्वारा लोगों को नोटिस जारी कर भेजे जा रहे हैं, जिन्हें कुछ लोग लेने से इनकार कर दे रहें हैं, वहीं कुछ लोग अनुपालना करते हुए उनके द्वारा किए गए कब्जों को खुद ही हटा रहे हैं।
नेरचौक-जाहू राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर नेरचौक निवासी पूर्व पंचायत प्रधान पवन कुमार द्वारा रत्ती रोड़ किनारे स्थित अपनी छः दुकानों को तोड़ने का कार्य शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि दो दिन पहले उन्हें लोक निर्माण विभाग द्वारा नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उनकी दुकानों की छतों के छजों और आंगन को तोड़ने के आदेश मिले हैं। जिसपर उन्होंने स्वयं ही अवैध निर्माण को तोड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि आज नहीं तो कल अवैध निर्माण को तोड़ना तो पडेगा ही, इससे पहले कि विभाग जेसीबी का पंजा लगा तोड़ें, इसलिए अच्छा है कि खुद ही पहल कर तोड़ दिया जाए।
बता दें कि हाईकोर्ट ने राज्य के सभी नेशनल, स्टेट हाईवे और सड़कों से तीन माह में अवैध कब्जे हटाने के हिमाचल प्रदेश सरकार को आदेश दिए गए हैं। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और सत्येन वैद्य की खंडपीठ द्वारा जुलाई माह में पारित किए आदेशों की अनुपालना के लिए मुख्य सचिव को सुनिश्चित करने को कहा गया है। कोर्ट ने कहा है कि कब्जा धारकों की ओर से अपनी आजीविका के लिए सड़क किनारे बनाए अस्थायी निर्माणों को अनदेखा नहीं किया जा सकता। सार्वजनिक संपत्ति पर कब्जे हटाने को कोर्ट कर्तव्य बाध्य है, अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि अवैध कब्जाधारियों को दयाभाव के आधार पर नहीं बख्शा जा सकता और राज्य के सभी नेशनल, स्टेट हाईवे और सड़कों से तीन माह में अवैध कब्जे हटाने के हिमाचल प्रदेश सरकार को आदेश दिए जाते हैं।
सरकार के निर्देश पर संबंधित विभागों द्वारा अनुपालना करते हुए अवैध कब्जाधारियों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं, जिसमें जल्द से जल्द अवैध कब्जे हटाने को कहा गया है। वहीं, जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि आदेशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ विभाग खुद कार्यवाही अमल में लाएगा।