मजबूरी में कभी इंसान कोई ऐसी शुरूआत कर देता है जो उसकी जिंदगी की दशा और दिशा ही बदल देती है। कुछ ऐसा ही हुआ मंडी जिला की कोटली तहसील के तहत आने वाले सताहन गांव निवासी राकेश ठाकुर के साथ। पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर राकेश ठाकुर काफी समय से हरियाणा के रेवाड़ी जिला के बावल की एक नीजि कंपनी में बतौर इंजीनियर कार्यरत हैं।
तीन साल पहले राकेश का वजन 75 किलो था और हाईट 5 फीट 5 इंच थी। हाईट के हिसाब से वजन ज्यादा था और राकेश ने दौड़ लगाकर अपना वजन कम करने की सोची। 33 वर्षीय राकेश ने तीन साल पहले दौड़ने का जो सिलसिला शुरू किया वो अब उसे बुलंदियों की तरफ ले जा रहा है। आज दौड़ के कारण राकेश का वजन 62 किलो हो गया है और वह खुद को पूरी तरह से फिट महसूस करते हैं।
2 अल्ट्रा, 12 फुल और 95 हॉफ मैराथन में भाग
राकेश ठाकुर तीन वर्षों के छोटे से समय में 2 अल्ट्रा, 12 फुल और 95 हॉफ मैराथन में भाग ले चुके हैं। 15 अगस्त वाले दिन इन्होंने रेवाड़ी के बावल से दिल्ली के इंडिया गेट तक अपनी जिंदगी की सबसे लंबी दौड़ दौड़ी। 85 किमी की इस दौड़ को राकेश ने साढ़े 11 घंटों में कंपलीट किया। हालांकि यह कोई प्रतियोगिता नहीं थी बल्कि इसे राकेश ने अपने अन्य साथियों के साथ शौकिया तौर पर किया। इस दौड को राकेश ने स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों और कोविड योद्धाओं को समर्पित किया और उन्हें नमन किया।
इस साल 3100 किमी दौड़ने का लक्ष्य
राकेश ठाकुर ने इस साल 3100 किमी दौड़ने का लक्ष्य रखा है। अभी तक वह 2100 किमी की दौड़ को पूरा कर चुके हैं। वहीं राकेश का सपना है कि उन्होंने 100 किमी की दौड़ और 24 घंटे लगातार दौड़ना है। हरियाणा में इससे संबंधित प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं जो अभी लॉक डाउन के कारण नहीं हो रही, लेकिन राकेश लगातार अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। वह रोजाना 10 किमी की दौड़ लगाते हैं। लॉक डाउन के दौरान राकेश ने बंद कमरे में 24 दिनों में 24 किमी की दौड़ को पूरा किया था।
सिरमौरी धावक सुनील को मानते हैं आदर्श
राकेश ठाकुर सिरमौरी चिते सुनील को अपना आदर्श मानते हैं। राकेश की इच्छा है कि जिंदगी में जब मौका मिलेगा तो वह सुनील के साथ लंबी दौड़ लगाना चाहेंगे। राकेश का कहना है कि लोगों को स्वस्थ रहने के लिए रोजाना दौड़ या फिर पैदल चलने की आदत डालनी चाहिए। रोजाना एक से पांच किमी का सफर पैदल करना चाहिए ताकि वह स्वस्थ रह सकें।