जिला मंडी को नगर निगम में मिलाए जाने के लिए 24 सितंबर को जारी की गई अधिसूचना में शहर के साथ लगती 13 पंचायतों के 25 राजस्व मुहालों को नगर परिषद में मिलाए जाने का प्रस्ताव है। इस पर सरकार ने दो सप्ताह में अपनी आपत्तियां दर्ज करवाने का समय दिया है जिसकी अवधि 8 अक्तूबर को खत्म हो रही है। इसी के चलते नगर निगम को लेकर विरोध और समर्थन बुधवार को खूब देखने को मिला, जब शहर की 15 संस्थाओं ने अपने प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से डीसी मंडी ऋगवेद ठाकुर को समर्थन का पत्र सौंपा। वहीं, 13 पंचायतों के 25 राजस्व मुहालों से आए जनप्रतिनिधियों और लोगों ने पहले तो शहर भर में इसके विरोध में प्रदर्शन किया और फिर डीसी के माध्यम से अपनी आपत्तियां दर्ज करवाई।
ग्रामीण संघर्ष समिति के अध्यक्ष एवं चंडयाल पंचायत के उपप्रधान रवि सिंह चंदेल ने बताया कि इन पंचायतों से आए निवासियों ने विरोध प्रस्ताव सचिव शहरी विकास को डीसी के माध्यम से भेज दिए। जिन 25 मुहालों को नगर निगम में शामिल करने का प्रस्ताव है उन सब ने ही अपना विरोध दर्ज किया है। इनमें नेला, चड़याणा, डीपीएफ कांगणी, तल्याड़, मन्याणा, सन्यारढ़, मंडवाहण, पंजैहटी, बिजणी, भ्यूली, अरढ़ा, बाड़ी, शिल्हाकीपड़, चढयारा, छिपणू, ओटा, गुटकर, चलाह, बगला, दौहंदी, चंडयाल, भड़याल और बैहना हैं। डीसी के माध्यम से भेजे इस आक्षेप पत्र में सरकार से ग्रामीणों की आपत्तियों को सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आग्रह किया गया है।
नगर निगम के समर्थन में आई 15 सामाजिक संस्थाएं
नगर परिषद मंडी को नगर निगम का दर्जा देने के फैसले का मंडी की करीब 15 समाजिक संस्थाओं ने समर्थन किया है। नगर निगम के पक्ष में इन तमाम संस्थाओं ने संयुक्त रुप से उपायुक्त के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेज कर नगर निगम बनाए जाने का समर्थन किया है। अपने ज्ञापन में नागरिक अधिकार मंच मंडी, नागरिक सभा मंडी आदि दर्जनभर संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने कहा है कि नगर निगम बनने से छोटी काशी का विकास होगा। उन्होंने कहा कि जो लोग नगर निगम बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं वह लोग और नेता राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं।
उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि शहर का विस्तार हो रहा है और इस विस्तार के चलते आसपास के क्षेत्र सम्मिलित हो रहे हैं। जो लोग आज विरोध कर रहे हैं वही लोग पहले नगर निगम बनाए जाने की वकालत कर रहे थे। नगर निगम बनाना समय की मांग है और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने छोटे काशी के विकास हेतु यह ऐतिहासिक फैसला लेकर मंडी के लोगों का दिल जीता है। उन्होंने नगर निगम के समर्थन में जागरूकता अभियान चलाने का भी बात कही और तमाम लोगों से जो नगर निगम का विरोध कर रहे हैं उन्हें इसके समर्थन में आने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग विकास की गति को रोकना चाहते हैं और जो भी विकास कार्य की परियोजनाएं मंडी के लिए आ रही है उन्हें अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के चलते रोकने में लगे हुए हैं। इस अवसर पर तमाम संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।