नेरचौक मेडिकल कॉलेज के माध्यम से कोविड काल के दौरान विभिन्न कोविड सेंटरों में न्यू विजन कंपनी के माध्यम से नर्सिंग स्टाफ, वार्ड ब्वॉय, हाउस किपिंग और सफाई कर्मी रखे गए थे। अब इन कर्मियों को जहां काम से निकाला जा रहा है वहीं इन्हें वेतन का भुगतान भी नहीं किया गया। न ही इन कर्मियों को सरकार द्वारा घोषित 200 रूपए प्रतिदिन के हिसाब से प्रोत्साहन राशि ही दी गई है।
ऐसे में इन दर्जनों कर्मियों ने मंगलवार को अखिल भारतीय दलित, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक परिषद के सदस्यों के साथ मिलकर उपायुक्त के माध्यम से एक ज्ञापन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भेजा। इस ज्ञापन में इन्होंने कहा है कि कंपनी के माध्यम से कोरोना काल के दौरान नेरचौक मेडिकल कालेज में 35 स्टाफ नर्सें, 36 वार्ड अटेंडेंट, 24 हाउस कीपिंग रखे गए । ये सब लोग सरकाघाट, गोहर, जाहू, नगारड़ा, झूंगी, बग्गी, गलमा, सलापड़, धर्मपुर, डडौर, भंगरोटू, कठलग, बाग, सिध्याणी, रिवालसर, कपाही, बीणा, हराबाग, पधियूं, हनोगी, चच्योट आदि से हैं।
इनका कहना है कि कोविड काल में उन्होंने कई कोविड सेंटरों में अपनी सेवाएं दीं, कई कर्मी तो महामारी की चपेट में भी आए मगर काम पर डटे रहे। अब न तो उन्हें वेतन ही मिला है साथ में उन्हें काम से निकालने का फरमान भी जारी हो गया है। कई कर्मियों ने तो यहां पर आने के लिए अपनी प्राइवेट नौकरियां भी छोड़ दी। अब तो उन्हें परिवार पालने का भी संकट पैदा हो गया है। सरकार ने कोरोना वारियर के लिए 200 रूपए प्रतिदिन प्रोत्साहन राशि देने का एलान किया था उन्हें वह भी नहीं मिली। इन्होंने मांग की है कि उनका वेतन दिलाया जाए और काम पर बहाल किया जाए। परिषद ने भी सरकार को चेताया है कि यदि इन कोरोना वारियर को काम पर बहाल न किया गया व इनका वेतन अदा नहीं किया गया तो उन्हें आंदोलन की राह पकड़नी पड़ेगी।