किन्नौर के नामज्ञा डोगरी में हिमस्खलन की चपेट में आने से शहीद हुए राजेश ऋषि का आज उनके पैतृक गांव जोंघो जगतपुर में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद राजेश के भाई ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। शहीद राजेश ऋषि को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों लोग पहुंचे और उसकी शहादत पर हर आंख नम थी।
राजेश का विवाद दो माह पहले ही हुआ था। अंतिम संस्कार के दौरान स्थानीय विधायक और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। शहीद का शव शुक्रवार को 11 दिन बाद बरामद किया गया था।
सीएम जयराम ठाकुर ने शहीद राजेश को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने अपने ट्विटर संदेश में कहा है कि भगवान दिवंगत आत्मा को शांति दें और शोकग्रस्त परिवार को इस असहनीय दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें। सीएम ने कहा कि भारी बर्फबारी के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है एवं बाकी जवानों की तलाश जारी है। सरकार दुःख की इस घड़ी में शहीद के परिवार के साथ है।
बता दें कि शिपकिला बॉर्डर से लगते नामज्ञा डोगरी के पास 20 फरवरी को ग्लेशियर खिसकने से नियमित गश्त पर निकले जम्मू-कश्मीर राइफल्स के 16 सैनिकों में से छह बर्फ में दब गए थे। हादसे में दबे हवलदार राकेश कुमार (41) को बाहर निकाल लिया गया पर वह शहीद हो गए। उसके बाद से लगातार सर्च ऑपरेशन चल रहा है। 11वें दिन शनिवार को शहीद जवान राजेश ऋषि का शव बरामद हुआ था। अभी भी चार जवानों का पता नहीं लग पाया है और उनकी तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है