देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों की अनदेखी से उनके परिजनों में रोष है। पठानकोट एयरबेस आतंकी हमले में शहीद संजीवन राणा के परिजनों ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि शहीद के नाम पर सरकार ने जो भी घोषणाएं की थीं, उनको अभी तक अमलीजामा नहीं पहनाया गया।
शहीद के बच्चों शिवानी और शुभम ने कहा कि जब उनके पिता शहीद हुए थे, तो मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की बात कही थी। इसके अलावा शाहपुर कॉलेज, पार्क, ट्यूबेल और बस स्टैंड का नाम उनके शहीद पिता के नाम पर रखने की बात कही थी। लेकिन, इनमें से आज तक एक भी घोषणा पूरी नहीं हो पाई है।
सरकार की ओर से बस स्टैंड के नाम पर सरकार ने वहां एक साइन बोर्ड लगा कर इतिश्री कर दी है। दो साल बीत जाने के बाद भी बस स्टैंड के नाम पर एक ईंट तक वहां नहीं लगी है। इसके अलावा परिवार के किसी सदस्य को नौकरी नहीं मिल पाई है। शहीद के परिजनों ने कहा कि सरकार ने शहीद संजीवन के नाम पर जो घोषणाएं की हैं उन्हें जल्द पूरा किया जाए।
शहीद की पंचायत के पूर्व प्रधान अजय सिंह राणा ने बताया कि जहां शहीद संजीवन राणा का अंतिम संस्कार हुआ था। उस श्मशानघाट के लिए तीन लाख रुपये स्वीकृत हुए हैं। लेकिन, जिस स्थान पर श्मशानघाट बनना है उससे कुछ दूरी पर मंत्री और कुछ नेताओं के रिश्तेदारों के घर हैं। इसलिए वे लोग वहां पर अब श्मशानघाट नहीं बनने दे रहे। बता दें कि शहीद के परिवार को 2016 में जी-हरियाणा, पंजाब, हिमाचल की ओर एक्सिलेंस ब्रेवेरी अवार्ड भी मिल चुका है।