नगर निगम शिमला के सांगटी वॉर्ड में हुए उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी मीरा शर्मा ने जीत हासिल की है। यह जीत ऐतिहासिक है क्योंकि इससे न सिर्फ मीरा ने अपने नाम एक रिकॉर्ड बनाया है बल्कि रणनीतिक तौर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के लिए भी यह एक बड़ी उपलब्धि है।
दरअसल, मीरा शर्मा पहले कांग्रेस पार्षद थीं जिन्होंने पद छोड़कर बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा। इससे जहां यह आशंका पैदा हो गई थी कि बीजेपी पार्टी का काडर बग़ावत कर सकता है कि पहले कांग्रेस में रही मीरा को क्यों पार्टी से टिकट दिया गया।
इसके अलावा शिमला में बीजेपी के ही दिग्गज नेताओं के बीच की खींचतान भी किसी से छिपी नहीं है। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज और मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा के बीच राजनीतिक रस्साकशी होती रही है ऐसे में आशंका जताई जा रही थी कि इस मामले में दोनों नेताओं की तनातनी कहीं पार्टी को भारी न पड़ जाए।
मगर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने चुनाव से ठीक पहले उन सभी पक्षों को बुलाकर मतभेद भुलाने और पार्टी व संगठन के लिए एकजुट होकर का करने के लिए समझाया था। ऐसे में इसका असर दिखा भी और आज कांटे की टक्कर में शिल्पा ने 44 मतों से कांग्रेस की शिल्पा चौहान को हराकर अपनी तीसरा चुनाव जीता।
मीरा को 622 वोट मिले जबकि शिल्पा को 578 वोट मिले। तीसरे नंबर माकपा प्रत्याशी रंजना वर्मा रहीं जिन्हें 488 वोट मिले। अब वह तीन दलों से चुनाव जीतने वालीं शिमला नगर निगम की पहली पार्षद बन गई हैं। साल 2007 में उन्होंने माकपा से, 2017 में कांग्रेस और अब 2019 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की है।