बिलासपुर में बुधवार को भी दूसरे दिन केंद्रीय ट्रेड यूनियन के राष्ट्रव्यापी आहवान पर विभिन्न संगठनों ने एटक के बैनर तले अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया।आज मिड दे मील वर्कर ने दूसरे दिन भी जमकर नारेबाजी और धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि जैसे सांसदों और विधायकों के समय-समय पर मानदेय वेतन भत्तो में बड़ोतरी की जाती हैं। उसी तर्ज पर उनका भी वेतन बढ़ाया जाए ।मात्र 1800 रुपए मासिक से इस महंगाई के दौर में उनका गुजारा मुश्किल है।
इस अवसर पर मिड डे मील वर्कर्स ने कहा कि मिडडे मील वर्कर्स स्वस्थ भारत , शिक्षित भारत के मिशन को पूरा करने में लगे हुए हैं। वहीं, सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी स्कूलों में बच्चों का ड्रॉप आउट भी कम हुआ है। लेकिन उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है। इतना कुछ होने के बावजूद इस वर्ग की हालत बददतर होती जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस महंगाई के दौर में 1800 रूपये की मासिक आय पर गुजारा करने को मजबूर हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ सांसदों एवं विधायकों के मानदेय, वेतन भत्तों में बढोतरी की जा रही है। तो दूसरी तरफ मेहनत करने वालों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
उन्होंने प्रदेश सरकार से प्रमुख मांगों पर गौर करने का आग्रह किया। उधर, आशा वर्कर्स का धरना प्रदर्शन भी दूसरे दिन जारी रही। उन्होंने सरकार से 18 हजार रूपये मासिक वेतन देने, सेवानिवृति के बाद पांच हजार रूपये मासिक पेंशन देने, जीवन रक्षक दवाओं की कीट देने सहित अन्य प्रमुख मांगों पर गौर करने की मांग की है।