हिमाचल के पौंग डेम में टूरिज्म के अनुसार विकसित किया जा रहा है ताकि टूरिस्टों की संख्या को बढ़ाया जा सके। वहीं पौंग में विदेशी पक्षियों के पहुंचने का क्रम लगातार जारी है। पौंग में विदेशी परिंदे फिर से जुटने लगे हैं। हर साल की तरह इस बार भी वैटलैंड एरिया से अलग अलग प्रजातियों के परिंदे आने शुरू हो चुके हैं। पिछले साल 93 प्रजातियों के करीब 13,0000 परिंदे यहां आये थे।
पिछले 4 सालों की बात करें तो हर साल यहां 83 से 93 तरह की प्रजातियां आ रही हैं। इनमें से कुछ दुर्लभ हो चुकी हैं। पौंग डेम में कॉमन शेलडक ,ब्लैक नेक्ड स्टार्क ,ऑस्प्रे ,ब्लैक टेम जैसे अत्ति दुर्लभ परिंदे भी पौंग डेम पहुंचे हैं जो दर्शाते हैं की यहाँ इनके लिए उपयुक्त माहौल दिया जा रहा है।
इनके अलावा इसबार 53,000 हेडेड गूज , 15,600 कॉमन कूट , 11,500 नॉदर्न पिंटीले जैसे परिंदे भी लगातार हर साल अपनी संख्या बढ़ाते नज़र आ रहे हैं।
इस बार नहीं होगी डॉक्टर्स की टीम
पिछले 2 सालों से लगातार एक मेडिकल टीम इन परिंदों की रैंडम सैंपलिंग लेकर टेस्ट करवाती थी, लेकिन इस बार टीम का गठन नहीं किया गया है और जरूरत पड़ने पर ही चिकित्सकों की सहायता ली जायेगी। वहीं इलाको को परिंदो की गणना के लिए 8 बीटों में बांटा गया है इनमें पौंग डेम ,संसारपुर ,डाडासीबा , धमेटा , नगरोटा सूरियां , देहरा ,भटोली और रेसर शामिल हैं।
डीएफओ,वाइल्ड लाफ कृष्ण कुमार का कहना है की डैम में परिंदो के खाने का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने बताया की इनकी सुरक्षा के लिए फायर वॉचरों सहित 25 एंटी पोचर्स भी तैनात किये गए हैं।