हिमाचल में सत्ता परिवर्तन के बाद अवैध खनन पर सबसे बड़ा एक्शन हुआ है। सबसे बड़े जिला कांगड़ा के इंदौरा इलाके में अवैध रूप से चल रहे 16 स्टोन क्रशरों की बिजली सप्लाई काट दी गई है। प्रदेश सरकार की खनन माफिया के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की पालिसी के चलते यह शिकंजा कसा है।
जिला भर में कुल 87 स्टोन क्रशर हैं, जबकि तीन ओपन सेल यूनिट हैं। करीब 45 क्रशर नियमों पर खरा उतरते हैं,जबकि अन्य नहीं। इसी कड़ी में यह कार्रवाई हुई है,आगामी समय में प्रदेश भर में ऐसी सख्ती होने वाली है। विभागीय सूत्रों के अनुसार नूरपुर-इंदौरा में कुछ ही स्टोन क्रशर ऐसे हैं, जो सरकार द्वारा तय मानकों के अनुसार चल रहे हैं।
एसडीएम नूरपुर आविद हुसैन सादिक ने बताया कि खनन विभाग की जांच में 16 स्टोन क्रशर अवैध पाए गए हैं। कइयों के पास पर्यावरण प्रमाण पत्र नहीं था, तो कुछ के पास पंजीकृत लीज के दस्तावेज नहीं थे। गौरतलब है कि उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर ने हाल ही में कहा था कि अवैध क्रशर बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और नियमों पर खरा उतरने वाले किसी भी उद्योग को तंग नहीं किया जाएगा।
इन पर चला प्रशासन का चाबुक
इंदौरा तहसील के टिप्परी क्षेत्र में 3, डमटाल में 5, बाड़ीखड्ड में 1, मोहटली में 2, खानपुर-ढांगू माजरा में एक-एक और तमोटा में 3 स्टोन क्रशरों पर प्रशासन का चाबुक चला है।