निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे स्वीकार न होने पर जहां मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है वहीं दूसरी तरफ सरकार के मंत्री जगत सिंह नेगी ने बीते कल विधान सभा अध्यक्ष को एक याचिका दी है और कहा है कि निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा स्वीकार होने से पहले ही भाजपा ज्वाइन कर ली थी ऐसे में यह मामला दलबदल कानून के दायरे में आता है इसलिए विधान सभा अध्यक्ष इनकी सदस्यता को रद्द करें। वहीं विधायक हरीश जनार्था ने भी मामले में शामिल कर पक्ष सुनने के लिए एक अलग याचिका हाई कोर्ट में दी है।
शिमला में पत्रकार वार्ता कर बागवानी एवम राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि भाजपा ने षड्यंत्र के तहत प्रदेश की चुनी हुई सरकार को गिराने का प्रयास किया था जिसमें उसे कामयाबी नहीं मिली है। निर्दलीय विधायकों ने भी दबाव में इस्तीफे दिए हैं और इस्तीफे स्वीकार होने से पहले ही भाजपा में शामिल हुए हैं जो दलबदल कानून के दायरे में आता है इसलिए स्पीकर से इन्हें अयोग्य करार देने की मांग की गई है साथ ही विधायक हरीश जनारथा ने बीते कल मामले को लेकर अपना पक्ष रखने के लिए समलित करने के लिए याचिका दायर की है।
वहीं जगत सिंह नेगी ने भाजपा पर तीखा जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि मंडी से भाजपा प्रत्याशी मूर्खो की तरह बयान दे रही है और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर भी मजबूरी में साथ साथ चल रहे हैं। कंगना कह रही है कि देश 2014 में आजाद हुआ और सुभाष चंद्र बोस पहले प्रधानमन्त्री थे।क्या भाजपा प्रत्याशी हिमाचल प्रदेश की जनता को अनपढ़ समझ रही हैं जिन्हें कुछ मालूम नहीं है।इस तरह के बयानों का स्कूली बच्चों पर क्या असर होगा।
बाइट….. जगत सिंह नेगी….राजस्व एवम बागवानी मंत्री