पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने शिमला में आयोदित पत्रकार वार्ता में कहा कि हिमाचल में पायलट प्रोजेक्ट के तहत मुख्यमंत्री की मोहराग पंचायत को पहला मॉडल पंचायत बनाया है। जिस पर मनरेगा के तहत अब तक 2 करोड़ 53 लाख से कार्य करवाए गए हैं। जिनमें सड़क, पानी, शिक्षा और अन्य मूलभूत ढांचे पर खर्च किया गया। वहीं, खुनानी को आदर्श ग्रीन हाउस गांव बनाया है। जिससे दो लाख इनकम इससे हर परिवार को हो रही है। गांव के अंदर मनरेगा के तहत 1200 मोक्ष धाम बनाई हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2 लाख 82 हज़ार बीपीएल परिवार हैं। प्रदेश सरकार हिमाचल को सोचमुक्त बनाने के बाद बीपीएल मुक्त बनाएंगे। बीपीएल परिवारों को स्वरोजगार से जोड़कर आय बढ़ाने का काम करेंगे। एक लाख बीपीएल परिवार को स्वरोजगार से जोड़ेंगे ताकि वह बीपीएल में न रहें। यदि कोई काम नही करना चाहता है उसको बीपीएल परिवार से बाहर किया जाएगा। प्रदेश की 1000 पंचायतों में से 500 पंचायतों को इसी वर्ष कचरामुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है जबकि 2020 तक सभी 1000 पंचायतों को कचरा मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। एक माह के भीतर पंचायती राज सभी फैसलों पर काम करना शुरू कर देगा।
पंचायती राज मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में 866 करोड़ 41 लाख ख़र्च किया जो 2005-06 के बाद सबसे ज़्यादा है। 67 हज़ार परिवारों ने काम के 120 दिन पूरे किए हैं। मनरेगा के माध्यम से जल संग्रहण के लिए 11704 टैंक बनाए।