आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग केस से जूझ रहे हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने वीरभद्र सिंह समेत उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, बेटे विक्रमादित्य सिंह और अन्य सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी किए हैं।
अदालत ने सभी आरोपियों को 20 अगस्त को कोर्ट के समक्ष पेश होने के आदेश दिए हैं। इससे पहले ईडी ने शनिवार को पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे को आरोपी बनाते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। इस चार्जशीट में वीरभद्र सिंह, प्रतिभा सिंह के अलावा यूनिवर्सल एप्पल एसोसिएशन के मालिक चुन्नी लाल, एलआईसी एजेंट आनंद चौहान प्रेम राज व लवण कुमार के नाम भी शामिल हैं।
इनके अलावा तारिणी ग्रुप के एमडी वक्का मुल्ला चंद्रशेखर और राम प्रकाश भाटिया को भी आरोपी बनाया गया है। शनिवार को ईडी ने दिल्ली की अदालत में अनुपूरक चार्जशीट दाखिल की थी।
ये है आरोप !
ईडी का आरोप है कि वीरभद्र सिंह ने 28 मई 2009 से 18 जनवरी 2011 और 19 जनवरी 2011 से 26 जून 2012 के दौरान केंद्रीय मंत्री रहते हुए आय से अधिक संपत्ति बनाई है जो कि पूरी तरह अवैध है। ईडी के आरोप के मुताबिक काले धन को वीरभद्र ने अन्य आरोपियों व आनंद सिंह की मदद से बीमा में निवेश किया। सीबीआई की शुरुआती जांच में पाया गया कि वीरभद्र सिंह ने 6.03 करोड़ रुपये की संपत्ति बनाई है और अपने पद का दुरुपयोग किया