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अब हिमाचल में चलेगी मोनो रेल, चाइना की कंपनी ने मुख्यमंत्री को दी प्रेजेंटेशन

समाचार फर्स्ट |

शिमला सहित अन्य शहरों में मोनो रेल प्रोजैक्ट को सिरे चढ़ाने के लिए राज्य में वैकल्पिक स्मार्ट परिवहन निगम गठन की तैयारी की जा रही है। इसके तहत पहले चरण में राजधानी शिमला में इस प्रोजैक्ट पर काम करने पर विचार है। इसके अलावा मनाली और धर्मशाला जैसे शहरों में अध्ययन रिपोर्ट तैयार की जा रही है। मोनो रेल प्रोजैक्ट को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की मौजूदगी में चाइना रेलवे 16वीं ब्यूरो ग्रुप लिमिटेड कंपनी ने अपनी प्रेजेंटेशन दी।

कंपनी ने बताया कि उनके इस प्रोजैक्ट में फैब्रीकेटिड स्टील फे्रम से काम होगा। इस प्रोजैक्ट से जाम लगने व पार्किंग के साथ प्रदूषण जैसी समस्या से भी निजात मिलेगी। कंपनी ने शहर के लिए मोनो रेल के अलावा रोप-वे, लिफ्ट तथा स्वचालित सीढ़ी जैसी स्मार्ट परिवहन सुविधा प्रदान करने को लेकर भी प्रकाश डाला।

जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने इस प्रस्तुति के बाद प्रदेश के प्रमुख शहरों में मोनो रेल को लेकर अध्ययन करवाने को कहा। इसके तहत पहले शिमला, मनाली और धर्मशाला शहरों की रिपोर्ट तैयार होगी। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा व परिवहन मंत्री गोविन्द ठाकुर के अलावा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे। इस मामले को मंत्रिमंडल की 20 नवम्बर को प्रस्तावित बैठक में भी विचार के लिए लाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि मोनो रेल को लेकर चीनी कंपनी के अलावा पहले स्विट्जरलैंड की कंपनी भी अपनी प्रस्तुत दे चुकी है।

शिमला के कई स्थानों को मोनो रेल से जोड़ने का प्रस्ताव है। मोनो रेल आई.एस.बी.टी. टूटीकंडी से शुरू होगी और यह पंथाघाटी तक चलेगी। इस मार्ग पर 12 ठहराव होंगे। इसकी कुल प्रस्तावित दूरी 14 किलोमीटर होगी जो 20 मिनट में अपना सफर तय करेगी। मोनो रेल से 1 घंटे में करीब 1,000 यात्रियों को यात्रा करने की सुविधा प्राप्त होगी। परियोजना के लिए बहुत थोड़ी भूमि की आवश्यकता होगी और लगभग कोई भी पेड़ नहीं कटेगा। इसे तैयार करने में 2 वर्ष का समय लगेगा।