➤ मानसून ट्रफ के साउथ मूवमेंट से पहाड़ों में बारिश नहीं हो रही
➤ 80 मौतें, 600 करोड़ का नुकसान, लेकिन फिलहाल राहत का माहौल
हिमाचल प्रदेश में बीते 48 घंटे में जारी रेड और ऑरेंज अलर्ट के बावजूद बारिश नहीं हुई, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है। मानसून कमजोर होता नजर आ रहा है और अगले 5 दिन भी राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना नहीं है। इस बीच दो हफ्तों में प्रदेश में 22 जगहों पर बादल फटने की घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 600 करोड़ से अधिक की संपत्ति का नुकसान, 30 से ज्यादा मौतें, और 32 लोग लापता होने की पुष्टि हुई है।
मौसम वैज्ञानिक शोभित कटियार के अनुसार, इस बार मानसून की बारिश वेस्टर्न डिस्टर्बेंस से नहीं, बल्कि मानसून ट्रफ पर आधारित है। तीन दिन पहले तक इसके दिल्ली से नॉर्थ हरियाणा की ओर बढ़ने के संकेत थे, इसी के चलते हिमाचल में भारी बारिश के अलर्ट जारी किए गए थे। लेकिन अब यह ट्रफ दिल्ली में ही स्थिर हो गया है और इसके साउथ की तरफ शिफ्ट होने के संकेत हैं।
इस स्थिति के चलते न सिर्फ हिमाचल, बल्कि उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे पहाड़ी राज्यों में भी बारिश कम हुई है। शोभित कटियार के अनुसार, जब तक यह ट्रफ नॉर्थ की तरफ शिफ्ट नहीं होता, तब तक पहाड़ी इलाकों में अच्छी बारिश की उम्मीद नहीं है। वर्तमान में केवल मैदानी इलाकों में हल्की बारिश के संकेत हैं।
मानसून ट्रफ एक निम्न दबाव वाला क्षेत्र होता है, जो उत्तर-पश्चिम भारत से बंगाल की खाड़ी तक फैला रहता है। यह एक मुख्य कारक है जो भारत में मानसून वर्षा को प्रभावित करता है। इसमें नमी युक्त हवाएं ऊपर उठती हैं, जिससे बादल बनते हैं और बारिश होती है। जब यह ट्रफ उत्तर की ओर शिफ्ट होता है, तो हिमाचल जैसे पहाड़ी इलाकों में अच्छी बारिश होती है, और जब यह दक्षिण की ओर जाता है, तो सेंट्रल इंडिया में बारिश अधिक होती है।
इस मानसून सीजन (20 जून से 7 जुलाई) तक 80 लोगों की मौत विभिन्न कारणों से हो चुकी है। इनमें 1 लैंडस्लाइड, 8 फ्लैश फ्लड, 14 बादल फटना, 8 डूबना, 1 आगजनी, 3 स्नेक बाइट, 4 बिजली के करंट, 9 ऊंची जगह से गिरने और 4 अन्य कारणों से मौतें हुई हैं। इसके अलावा 28 मौतें सड़क हादसों में हुई हैं।
प्रदेश में 235 सड़कें बंद हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 176 सड़कें मंडी जिला में बंद हैं। शिमला के रिज मैदान में सैलानी अब सुहावने मौसम का आनंद ले रहे हैं, क्योंकि भारी बारिश की स्थिति फिलहाल टल गई है।



