पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में मानसून की बरसात रुकने का नाम नहीं ले रही है. मानसून की बरसात अब जानलेवा होती जा रही है. सभी जिलों में मानसून की बरसात का कहर जारी है. शिमला के टुटु में पूरी पहाड़ी दरक कर सड़क पर आ गई है. जिसकी वजह से शिमला -मंडी -कांगड़ा NH बंद हो गया है. साथ ही टूटू क्षेत्र की बिजली भी गुल हो गई है. हिमाचल प्रदेश में लगातार भूस्खलन-बाढ़ आ रहे हैं. जिसकी वजह से कई सड़कें बंद हैं.
रविवार रात और सोमवार को हुए बरसात से हादसों में नौ लोगों की मौत हो गई. सिरमौर में तीन, कांगड़ा में दो और बिलासपुर, चंबा, मंडी व शिमला जिलों में एक-एक व्यक्ति की जान चली गई. सड़क हादसों में दो-दो, पहाड़ी से गिरने व भूस्खलन से एक-एक व्यक्ति ने दम तोड़ा.
चंबा जिला की शुलूनी तहसील के कंधबारा में आधी रात बादल फटने के बाद आई बाढ़ से दर्जन मकानों को नुकसान पहुंचा. जबकि 15 वर्षीय एक किशोर की मलबे से दबने से मृत्यु हो गई. इस घटना में दो लोग घायल हुए हैं. चम्बा सहित अन्य जिलों में जगह-जगह भूस्खलन से सड़कें बाधित होने से लोगों को आवागमन में कठिनाई आ रही है.
किन्नौर जिला में भावानगर के समीप नेशनल हाइवे-पांच और लाहौल स्पीति जिला में छत्रु के समीप एनएच 505 घंटों लैंड स्लाइड की वजह से बाधित रहा. वहीं शिमला शहर से सटे टूटू कस्बे के पास सोमवार शाम को हुए भूस्खलन से नेशनल हाईवे-205 बाधित हो गया.
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की दैनिक रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को राज्य में 46 सड़कें, 51 ट्रांसफार्मर और 24 पेयजल परियोजनाएं ठप रहीं. इसके अलावा 12 कच्चे-पक्के मकान क्षतिग्रस्त हुए. चार पशुशालाओं, दो दुकानों और 12 घराट भी धराशायी हो गए. सबसे ज्यादा नुकसान चंबा जिला में हुआ.
रिपोर्ट के आंकड़ों पर नजर डालें, तो कुल्लू जिला में 22, चंबा में 14, मंडी में चार, सोलन में तीन और कांगड़ा, किन्नौर व लाहौल-स्पीति में एक-एक सड़क बंद रही. चंबा जिला में 49 और कुल्लू में दो ट्रांसफार्मर ठप रहे. चंबा जिला में 24 पेयजल परियोजनाएं बाधित हुईं.
चंबा जिला में आठ कच्चे व एक पक्का मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ. बिलासपुर और मंडी जिला में एक-एक कच्चे मकान को नुकसान पहुंचा, जबकि कुल्लू जिला में एक कच्चा मकान परी तरह धराशायी हो गया. चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और शिमला जिलों में एक-एक पशुशाला भी ध्वस्त हो गई. चंबा जिला में 12 घराट भी पानी में बह गए.
रिपोर्ट के मुताबिक चम्बा जिला में सबसे ज्यादा 41 सड़कें बंद हैं. कुल्लू में 26, मंडी में आठ, सोलन में तीन और कांगड़ा, किन्नौर व लाहौल-स्पीति में एक-एक सड़क अवरुद्ध है. भारी वर्षा से 79 ट्रांसफार्मरों के ठप पड़ने से बिजली आपूर्ति भी ठप है. चम्बा जिला में 70, कुल्लू में सात और मंडी में दो ट्रांसफार्मर बंद हैं. चम्बा में 13 पेयजल परियोजनाएं भी बंद हैं. मौसम विभाग ने पूर्वानुमान में 12 अगस्त तक मौसम के खराब रहने की संभावना जताई है. 10 व 11 अगस्त को मैदानी, मध्य पर्वतीय व उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है.
बीते 24 घंटों के दौरान नैना देवी में सबसे ज्यारा 108 मिमी वर्षा हुई. इसके अलावा तीसा में 38, खदराला में 34, नादौन में 33, सलोणी में 28, जुब्बड़हट्टी व पालमपुर में 25-25, बैजनाथ व कोठी में 20-20, घमरूर व कसौली में 16-16, भरमौर में 15, गग्गल में 14, छतराडी, धर्मशाला व मनाली में 13-13 मिमी वर्षा दर्ज की गई है. हिमाचल प्रदेश में हो रही भारी बारिश से जगह-जगह भूस्खलन हुआ है. इस वजह से कई सड़कों के अवरुद्ध होने से यातायात प्रभावित हुआ है.
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार भूस्खलन से राज्य भर में 81 सड़कें, 79 बिजली ट्रांसफार्मर और 13 पेयजल परियोजनाएं ठप है. मानसून की बरसात से हिमाचल में अभी तक 178 की मौत हो चुकी है. जबकि 313 घायल हैं. 111 पशु पक्षी मानसून की भेंट चढ़ गए हैं. 400 के ज्यादा घर, गौशलाएं व दुकानें व शेड पानी की चपेट में आए है. प्रदेश को मानसून से लगभग 6 सौ करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है.