हिमाचल में हर महिने 40 से ज्यादा लोग जिनकी आयु 16-50 साल है, हादसों के कारण अपंग होते है। प्रदेश में कोई भी सुधार केन्द्र न होने के कारण ज्यादातर लोगों को परिवार वालों पर ही निर्भर रहना पड़ता है। एक अखबार के मुताबिक प्रदेश में लगभग हर साल डिसएब्लिटिस के मामले बढ़ रहे है। साल 2011 में 5,963 लोग हादसों का शिकार हुए। जबकि 5 साल बाद हादसों में 70 फिसदी की बढ़ोतरी हुई है।
सीनियर मेडिकल सुप्रीडेंट, IGMC,डॉ रमेश चंद ने बताया कि प्रदेश में लगभग हर महिने औसतन 40 से ज्यादा लोगों पर जानवरों का अटैक करने, एक्सीडेंट, पहाड़ों से गिरने के मामले सामने आते है। एक्सीडेंट्स के मामलों में ज्यादातर महिलाएं है जो पर्मानेंट व्लाईंड, शारीरिक रुप से चलने फिरने अयोग्य हो गई। जिसकी मुख्य वजह जानवरों का अटैक, पहाड़ों से गिरना रही।
डॉ चंद ने बताया कि प्रदेश में 70 फिसदी लोग, जिनकी आयु 16-50 के बीच है, टू-व्हीलर और फॉर- व्हीलर पर सवारी के दौरान रोड एक्सीडेंट के शिकार हुए।