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देश के विकास के लिए मातृभाषा का योगदान होता है महत्वपूर्ण : शिक्षा मंत्री

पी. चंद. शिमला |

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शिमला में आयोजित हिंदी राजभाषा पखवाड़ा कार्यक्रम में कहा कि किसी भी देश के विकास के लिए उसकी मातृभाषा का योगदान महत्वपूर्ण रहता है। हिंदी भाषा को भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को राजभाषा के रूप में स्वीकृति प्रदान की थी उसके बाद 14 सितंबर का दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिमाचल प्रदेश हिंदी भाषी प्रदेश है। इसलिए यहां पर हिंदी का प्रचलन अधिक से अधिक हो क्योंकि यंहा पर लगभग 100 फीसदी लोग हिंदी भाषा भाषी ही हैं।

लेकिन आज भी सरकारी कार्यालयों में हिंदी का जो काम काज है वह कम होता है। क्योंकि लोगों को लगता है कि अगर इंग्लिश भाषा का इस्तेमाल करेंगे तो रोजगार के अवसर भी ज्यादा मिलेंगे जिससे उनका रुतबा बढ़ जाएगा। ऐसी सोच आज भी लोगों में है जिसे बदलने की जरूरत है। हिंदी हमारे देश की मातृभाषा है इसका प्रयोग अधिक से अधिक तो जो बच्चे प्रारंभ से शिक्षा ग्रहण करते हैं। उनको भी समझने में आसानी होती है और आम आदमी जो इंग्लिश भाषा को समझ नही पाते हैं उन्हें भी कोर्ट और सरकारी दफ्तरों में हिंदी इस्तेमाल होने पर आसानी से अपने कार्य को आसानी से समझ सकते हैं।