नगर निगम मंडी ने बुधवार को वर्ष 2022-23 के लिए 86.97 करोड़ का कुल प्रस्तावित बजट पारित दिया। सभी पार्षदों ने इसे अनुमोदित करते हुए अपनी सहमति प्रदान कर दी। निगम ने नए पारित बजट में नए क्षेत्रों पर कोई भी टैक्स नहीं लगाया। बजट में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में निगम को अपने स्त्रोतों से 10 करोड़ 9 लाख 75 हजार रूपए और केंद्रीय वित आयोग व राज्य वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुरूप व विभिन्न स्कीमों के अंतर्गत अनुदान से 77 करोड़ 11 लाख 45 हजार रूपए की प्रस्तावित आय का प्रावधान किया जाएगा।
गौरतलब है कि गत वर्ष 2021-22 में के वित्तीय बजट में निगम को अपने स्रोतों से 3.99 करोड़ और केंद्रीय वित आयोग, राज्य वित्त आयोग की सिफ सिफारिशों के अनरूप और विभिन्न स्कीमों के अंतर्गत अनुदान से राशि 17.64 करोड़ की प्राप्ति हुई है। जबकि निगम का इस दौरान कुल व्यय 23.65 करोड़ रूपए रहा। लिहाजा पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 की तुलना में फरवरी 2021-22 में तक कुल आय में 1.19 करोड़ की वृद्धि दर्ज हुई। निगम ने स्पष्ट कहा है कि आय को बढ़ाने के लिए कई तरह के कदम उठाए जाएंगे जिनमें विज्ञापन और होर्डिंग, सफाई व्यवस्था में यूजर चार्चिज, गृह कर, तहबाजारी, दुकानों का किराया समय पर लिया जाएगा। इसमें आ रही कमियों को दूर किया जाएगा।
महापौर दीपाली और उपमहापौर विरेंद्र भट़्ट कहा कि यह बजट निगम को नई दिशा प्रदान करेगा। बजट में विभिन्न स्थानों पर पार्किंग, रास्तों, सडक़ों, वाणिज्य भवनों का निर्माण व अन्य विकासात्मक कार्य करवाए जा रहे हैं। नगर निगम क्षेत्र के सौंदर्यकरण व लोगों को मूलभूत सुविधाएं दिए जाने के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। नगर निगम क्षेत्र में विशेष स्थानों को चिन्हित करने के लिए साईन बोर्ड लगवाए जाएंगें ताकि लोगों को सुविधा हो। नगर निगम मंडी में जो क्षेत्र शामिल किए गए हैं उनके विकास के लिए 35.50 करोड़ रूपए की राशि खर्ची जाएगी। जिसका प्राकलन निदेशालय को भेजा गया है। नए क्षेत्रों को विकास से जोडऩे के लिए यह अनुदान राशि मांगी गई है। इस दौरान तीन साल तक कोई भी कर नहीं लगेगा। अमृत-2 के अंतर्गत निगम में जल सुविधा के लिए 28 करोड़, पार्कों के निर्माण के लिए दस करोड़ की मांग निदेशालय को भेजी गई है।