Follow Us:

कोरोना के बीच मशरूम बना रोज़गार का मुख्य साधन, प्रतिदिन अढ़ाई क्विंटल मशरूम बेच रहे हैं संगड़ाह के तपेंद्र चौहान

पी.चंद, शिमला |

आज जब पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है। कोरोना ने लाखों लोगों का रोज़गार छीन लिया है। इस बीच सिरमौर के नागरिक उपमंडल मुख्यालय संगड़ाह में प्रगतिशील किसान तपेंद्र चौहान द्वारा शुरू किए गए हिम एग्रो मशरूम प्रोडक्शन सेंटर द्वारा सात स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार दिया जा रहा है। रोजगार देने के साथ-साथ मशरूम उत्पादन केंद्र द्वारा प्रतिदिन औसतन 250 किलो मशरूम की पैदावार की जा रही है।

पिछले एक माह में मशरूम सेंटर से करीब एक लाख रुपए की मशरूम बेची जा चुकी है।
यह मशरूम उत्पादन केंद्र क्षेत्र का प्लांट है जहां गर्मियों में भी मशरूम पैदा होगी। दरअसल क्षेत्र में मार्च माह के बाद तापमान 25 डिग्री से ज्यादा होने के चलते यहां मशरूम खराब होने लगती है अथवा पैदावार बंद हो जाती है। इस प्लांट में ऐसी की व्यवस्था की गई है, जिससे टेंपरेचर मेनटेन रखा जाएगा।

मशरूम की मार्केटिंग और उत्पादन का कार्य देख रहे विक्रम चौहान औऱ दिनेश कुमार ने बताया कि, जिला सिरमौर के विभिन्न हिस्सों के अलावा चंडीगढ़ में भी सप्लाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि, वर्तमान में यहां केवल 1000 कंपोस्ट मशरूम स्पान बैग लगे और अगले माह तक उत्पादन 3 गुना बढ़ाने के लिए दो हजार अन्य बैग लगाए जाएंगे। अगले साल तक कंपोस्ट खाद और स्पोन लेब भी यहां तैयार की जाएगी।

तपेंद्र चौहान ने बताया कि, करीब 22 लाख की इस परियोजना के लिए उन्हें राष्ट्रीय बागवानी मिशन अथवा उद्यान विभाग द्वारा सब्सिडी भी उपलब्ध करवाई गई है। बहरहाल इस प्लांट से जहां सात लोगों को रोजगार मिल रहा है, वहीं क्षेत्र के अन्य किसान भी मशरूम उत्पादन के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं।