हिमाचल के जिला कांगड़ा के नूरपुर के अपर बरमोली के राहुल जसवाल ने सेना में कमीशन का टेस्ट पास कर नूरपुर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। आर्मी ज्वाइन करने से पहले राहुल मल्टी नेशनल कंपनी में काम करते थे। देश की सेवा करने के जज्बे के चलते राहुल ने मोटी सैलरी छोड़ सेना में शामिल होने का निर्णय लिया।
राहुल की प्रारंभिक शिक्षा चंडीगढ़, पठानकोट और जम्मू से हुई। उसके बाद एआईटी पुणे से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की। पिता की तरह सेना में जाने के उद्देश्य से राहुल ने एसएससी टेक्निकल और सीडीएस की दो परीक्षाएं पास कीं। सितंबर में अपनी ट्रेनिंग खत्म करके राहुल ने झांसी में बतौर लेफ्टिनेंट पद ग्रहण कर लिया है। राहुल के पिता भी सेना में वारंट अफसर के पद पर कार्यरत हैं। दादा प्रकाश सिंह जसवाल भी आर्मी की डोगरा रेजिमेंट में थे। माता विमला देवी और स्व. दादी की प्रेरणा से राहुल के सेना में अफसर बनने से गांव के युवा भी काफी उत्साहित हैं।
पठियार के शुभम बने सेना में लेफ्टिनेंट
नगरोटा बगवां के पठियार के शुभम जंवाल ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट का पद प्राप्त कर न केवल क्षेत्र का नाम रोशन किया है, बल्कि सेना के माध्यम से देश की सेवा में लगे अपने परिवार की रिवायत को भी बरकरार रखा है।लेफ्टिनेंट शुभम जंवाल ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी चेन्नई से पास आउट होकर सेना में ऑफिसर बने हैं। उसके पिता मौजूदा समय में डोगरा रेजिमेंट में बतौर कर्नल सेवाएं दे रहे हैं, जबकि शुभम की माता स्वर्णलता जंवाल एक गृहिणी हैं। शुभम को अपने घर से ही देश सेवा का माहौल मिला और उसने अपने परिवार के देश सेवा के जज्बे को कायम रखा है। शुभम को यह पद मिलने से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है।