शुक्रवार को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार ने पद्म पुरस्कार 2019 के नामों की घोषणा की है। भारतीय कबड्डी टीम के कप्तान अजय ठाकुर को प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया। वह पद्म श्री पुरस्कार पाने वाले पहले कबड्डी खिलाड़ी हैं यह उसकी सबसे बड़ी कामयाबी है। इससे पहले कई कबड्डी खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। लेकिन अजय ठाकुर पहले कबड्डी खिलाड़ी हैं जिन्हें पद्म श्री पुरस्कार मिलेगा।
अजय ठाकुर को यह अवॉर्ड देश का नाम पूरे वर्ल्ड में रोशन करने और कबड्डी में बेहत प्रदर्शन करने के लिए दिया जा रहा है। अवॉर्ड मिलने की खबर के बाद पूरे देश के साथ साथ नालागढ़ में जश्न का माहौल। अजय ठाकुर ने इस अवॉर्ड के लिए सरकार और देशवासियों का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि वे अपने माता-पिता और गुरुओं की कृपा से इस मुकाम तक पहुंचे हैं।
1 मई 1986 को जन्मे अजय ठाकुर हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के नालागढ़ तहसील के दाभोटा नाम के एक छोटे से गाँव से हैं। उनकी मां राजिंदर कौर एक शिक्षक थीं और पिता छोटू राम राष्ट्रीय स्तर के पहलवान थे। अजय के चचेरे भाई में से एक, राकेश कुमार चंदेल, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय कबड्डी टीम का प्रतिनिधित्व किया था और उनको देखकर ही अजय कबड्डी खेलने के लिए प्रेरित हुए । उन्होंने कबड्डी खेलना अपने गांव से शुरू किया। साल 2007 के एशियाई इंडोर खेलों में अजय ठाकुर ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय पदक जीता।
उसके बाद यह ‘एस्केप आर्टिस्ट’ भारतीय टीम का हिस्सा था जिसने एशियाई इंडोर और मार्शल आर्ट्स गेम्स 2013 में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। 2014 में ‘फ्रोग जंप आविष्कारक’ से अजय ने भारतीय टीम के साथ स्वर्ण पदक जीता था। 2016 का कबड्डी विश्व कप ‘रनिंग हैंड टच स्पेशलिस्ट’ अजय के लिए सही मायने में करियर बदल रहा था फाइनल मैच में उनके शानदार प्रदर्शन के कारण, भारत ने 8 पॉइंट के अंतर से भी विश्व कप पर कब्जा कर लिया। उन्होंने 68 रेड पॉइंट बनाए और ‘रेडर ऑफ़ द टूर्नामेंट’ का भी खिताब जीता है । 2017 में अजय ठाकुर को भारतीय टीम का कप्तान नियुक्त किया गया। उन्होंने 2017 एशियाई कबड्डी चैंपियनशिप और 2018 कबड्डी मास्टर्स टूर्नामेंट में गोल्ड के लिए भारतीय टीम का नेतृत्व किया। इन दोनों अवसरों पर उनका व्यक्तिगत खेल प्रदर्शन शानदार था।