स्वास्थ्य समिति अनुबंध कर्मचारी संघ हमीरपुर प्रेस प्रवक्ता राज महाजन ने भोटा में बताया कि स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न समितियों के माध्यम से जिसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं एडस कंट्रोल सोसाइटी के अंतर्गत लगभग 2000 के करीब कर्मचारी वर्ष 1997 से कार्य कर रहे हैं, लेकिन लगभग 23-24 वर्ष बीत जाने के बाद भी किसी सरकार द्वारा इन कर्मचारियों के लिए नियमितिकरण की स्थाई नीति नहीं बनाई गई है.
हालांकि वर्ष 2016 में उस समय की सरकार द्वारा रैगुलर पे स्केल की नोटिफिकेशन जारी हुई थी जो सिर्फ मेडिकल कालेज में मात्र लोकल रोगी कल्याण समिति के कर्मचारियों के लिए लागू की है. इन कर्मचारियों को उससे भी वंचित रखा गया है. राज महाजन ने बताया कि मणिपुर सरकार ने कर्मचारियों को हाल ही में नियमित कर दिया है, तो यहां पर कर्मचारियों की अनदेखी क्यों हो रही है. उन्होंने बताया कि हाल ही में सरकार को प्रदेश कार्यकारिणी द्वारा 25 जनवरी का अल्टीमेटम दिया गया था कि इन कर्मचारियों के लिए नियमतिकरण की स्थाई नीति बनाने की घोषणा करे. अन्यथा ये कर्मचारी आंदोलन का रास्ता अपनाने में भी गुरेज नहीं करेंगे.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से पूर्ण राज्यत्व दिवस पर इन कर्मचारियों के लिए किसी भी प्रकार की कोई घोषणा नहीं की गई है. इसलिए 27 जनवरी से ये कर्मचारी 1 फरवरी तक काले बिल्ले लगाकर सरकार के प्रति रोष प्रकट कर रहे हैं. साथ ही 2 फरवरी को एक दिन की सांकेतिक हड़ताल शुरू कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए भी तैयार हैं. जिला भर में हर अस्पताल में ये कर्मचारी काले बिल्ले लगाकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
उन्होंने बताया कि हालांकि आज तक इन कर्मचारियों ने ईमानदारी से अपना काम बखूबी निभाया है और कोरोना वैश्विक महामारी में बिना डरे टैस्टिंग एवं वैक्सीनेशन में भी अपना कर्तव्य निभाया है. कई कर्मचारी कोरोना संक्रमित भी हुए हैं. इन कर्मचारियों की बदौलत प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर भी पुरष्कार लिए हैं.
सरकार को जल्द इन कर्मचारियों के लिए सकारात्मक कदम उठाने चाहिए जिससे ये कर्मचारी और उत्साह से अपना काम कर सकें. अगर सरकार फिर भी अनदेखी करती है तो कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे, जिसकी पूरी के पूरी जवाबदेही सरकार एवं विभाग की होगी. इस मौके पर संघ के जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. आशीष एवं बडसर ब्लॉक के संयुक्त सचिव डॉ. ईरेश विशेष रूप से मौजूद रहे.