जिला बिलासपुर का नेशनल हेल्थ मिशन कर्मचारी संघ का प्रतिनिधि मंडल प्रदेशाध्यक्ष अरविंद शर्मा की अगुआई में प्रदेश भर के 150 कर्मचारी शिमला पहुंचे और मुख्यमंत्री से सचिवालय शिमला में उनके कार्यालय में मिले। कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री से अपनी सालों से चली आ रही रेगुलर पे स्केल की मांग पुरजोर तरीके से रखी। उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि वे अनेकों बार उनसे मिलते हैं, हर बार एक ही मांग उनके सामने रखते हैं कि एनएचएम कर्मचारियों को रेगुलर पे स्केल स्वीकृत कीजिये। एनएचएम कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग में कार्य करते हुए 15 से 20 साल हो चुके हैं लेकिन इनकी सुध लेने वाली कोई सरकार नहीं है।
अरविन्द शर्मा ने बताया कि वे कोई नई मांग नहीं कर रहे जो पहली बार उठी हो। सरकार पहले भी कुछ विभागों में इस तरह से कर्मचारियों को रेगुलर पे स्केल दिया है। एनएचएम कर्मचारियों ने यह मांग एक या दो साल की नौकरी करने के बाद ही नहीं उठा दी है। 15 से 20 साल सेवाएं देने के बाद इन कर्मचारियों का हक बनता है कि वे अपने भविष्य को लेकर सरकार से मांग कर सकें। जब सरकार केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित सर्व शिक्षा अभियान के कर्मचारियों को 2010 में रेगुलर पे स्केल दे सकती है, मनरेगा के कर्मचारियों को 2017 में रेगुलर पे स्केल दे सकती है, रोगी कल्याण समिति मेडिकल कॉलेज आईजीएमसी शिमला के कर्मचारियों को, मेडिकल कॉलेज नाहन के कर्मचारियों को, मेडिकल कालेज टांडा के कर्मचारियों को रेगुलर पे स्केल दे सकती है तो 15 से 20 सालों से कार्यरत एन एच एम कर्मचारियों को रेगुलर पे स्केल क्यों नही दिया जा रहा है।
हाल ही में जय राम ठाकुर जी ने पीटीए, पैरा टीचर्स को रेगुलर पे स्केल प्रदान किया है। मनरेगा में कार्यरत ग्राम रोजगार सेवकों को भी रेगुलर पे स्केल प्रदान किया है। नेशनल हेल्थ मिशन कर्मचारियों ने ऐसा कौन सा गुनाह किया है जो आज तक हमारी उपेक्षा की जा रही है। सरकार द्वारा आम जन मानस के लिये चलाई जा रही स्वास्थ्य सेवाओं को असलियत में अमलीजामा एनएचएम कर्मचारियों द्वारा ही पहुंचाया जा रहा है। प्रदेश सरकार को स्वास्थ्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अनेकों पुरुष्कार मिल रहे हैं।
जो एनएचएम कर्मचारियों की मेहनत का नतीजा है, क्योंकि सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में ये कर्मचारी जी जान लगा देते हैं। फिर भी न जाने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर जी क्यों NHM कर्मचारियों को रेगुलर पे स्केल स्वीकृत करने में इतना समय लगा रहे हैं। एनएचएम कर्मचारियों को पूरा पूरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री शीघ्र ही उन्हें रेगुलर पे स्केल प्रदान करेंगे। कल की मुलाकात में भी मुख्यमंत्री ने अस्वाशन दिया है और हम उम्मीद करते है कि अब मुख्यमंत्री का अस्वाशन कर्मचारियों का धैर्य टूटने से पहले ही परिणाम का रूप लेगा। अगर जल्दी सरकार निर्णय नही लेती तो कर्मचारी दुःखी होकर रोष प्रकट करने के लिए आंदोलन का रास्ता भी अख्तियार करने को मजबूर हो जाएंगे।