हिमाचल प्रदेश के सबसे उंचे 3720 मीटर पर बने आईस हॉकी रिंक में दूसरी बार प्रशिक्षण शिविर शुरू हो गया है। लाहौल स्पीति के काजा उपमंडल में वीरवार को आईस हॉकी कोचिंग कैंप एंव टूनामेंट का शुभारंभ किया गया। इस शिविर में बतौर मुख्यातिथि भारतीय आईस हॉकी संघ के महासचिव हरजिन्द्र सिंह जींदी ने शिरकत की। आईस स्केटिंग हॉकी कोचिंग कैंप भारतीय आइस हॉकी संघ के साथ आयोजित किया जा रहा है। इस कैंप में 165 छात्र छात्राओं को राष्ट्रीय स्तर के कोच अमित बेरबाल द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं।
मुख्यातिथि भारतीय आईस हॉकी संघ के महासचिव हरजिन्द्र सिंह जींदी ने कहा कि लाहौल स्पीति में विंटर स्पोर्टस की अपार संभावनाएं है। हम यहां पर आने वाले समय में आइस हॉकी, स्कींग आदि विंटर स्पोर्टस को नई राह मिलेगीं। ऐसी गतिविधियों से पयर्टक यहां अधिक से अधिक आएंगे। यहां पर जिन बच्चों को आइस हॉकी की कोचिंग दी जाएगी। इन्हीं में से कुछ बच्चों को गुलमार्ग में होने में एडवांस कोचिंग कैंप में प्रशिक्षित किया जाएगा। इनका अभी चयन आगे आने वाले दिनों में होगा।
उन्होंने कहा कि इस बार अंडर 20 आईस हॉकी टूर्नामेंट काजा में आयोजित किया जाएगा। ताकि यहां के बच्चों को और सीखने को मिले। साथ ही साथ काजा भी विंटर स्पोर्टस का नया केंद्र बनकर देश भर में उभरे। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन की ओर से काफी अच्छा प्रयास किया गया। इसके काफी सकारात्मक परिणाम आगे आने वाले दिनों में दिखेंगे। यहां के प्रतिभागियों में काफी उत्साह है। आठ साल की आयु से लेकर 20 वर्ष की आयु के बच्चें यहां पर कोचिंग ले रहे।
एडीएम ज्ञान सागर नेगी ने कहा कि एक जनवरी से गुलमार्ग में एंडवास कोचिंग कैंप होने जा रहा है। इसमें काजा में प्रशिक्षित होने के वाले बेहतरीन प्रतिभागियों को कोचिंग के लिए भेजा जाएगा। उसके बाद उनमें से नेशनल टीम में उनका चयन होगा। पहली बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता हिमाचल में होने जा रही है। स्पीति में इस तरह की प्रतियोगिताओं से आर्थिकी, पयर्टन, और खिलाड़ियों को फायदा मिलता है। पिछले साल पहली बार कोचिंग कैंप शुरू किया था, जिसके परिणाम काफी अच्छे रहे। इसी वजह से दूसरी बार आयोजित किया जा रहा है। इस कैंप से राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय स्तर पर हमारे यहां के बच्चें प्रतिनिधित्व कर सके। इस कैंप बच्चों को बेसिक और एंडवास कोचिंग दी जाएगी। इस दौरान जो भी खर्च आएगा उसका प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए नीतियों को निर्माण कर रही है। ऐसे में सरकार की तरफ खिलाड़ियों को बेहतरीन और अत्याधुनिक सुविधाएं दी जा रही है। एडीएम ज्ञान सागर नेगी ने कहा कि स्पीति में पांच महीनों तक बर्फ रहती है । यहां के लोग बर्फ में भी अपने जन जीवन को जीने में पूरी तरह सक्षम है। ऐसे में अगर यहां के बच्चों को आइस हॉकी के बारे प्रशिक्षण दिया जाए तो बेहतर खिलाड़ी स्पीति से निकल कर देश दुनिया में नाम रोशन कर सकते है।
इंटरनेशनल मानकों के अनुसार बना है रिंक
इंटरनेशनल स्तर के मानकों के अनुसार स्थानीय प्रशासन ने कोविड के चलते 31 और 61 मीटर का आईस हॉकी स्केटिंग कम समय में तैयार किया गया है। हिमाचल का सबसे अधिक उंचाई पर स्थित आईस हॉकी रिंक बन गया है। मुख्यातिथि ने रिंक को देखकर स्थानीय प्रशासन की काफी प्रशंसा की।