ग्रामीण विकास, पंचायती राज और कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा है कि राज्य के प्रत्येक विकास खंड में एक गौशाला में बेसहारा देसी गाय को रखा जाएगा। इसके माध्यम से किसानों को प्राकृतिक खेती सिखाई जाएगी। कृषि मंत्री ने कहा कि देसी गाय प्राकृतिक खेती का आधार है और इन गौशालाओं में प्रशिक्षण मिलने से जहां किसान प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित होंगे, वहीं देसी गाय की अहमियत भी सामने आएगी। गौशाला संचालकों को बेसहारा गौवंश की देखभाल के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार की ओर से प्रति माह 500 रुपए प्रति गाय की आर्थिक मदद प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती सिखाने वाली गौशालाओं को अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने पर भी विचार चल रहा है।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि गाय आधारित प्राकृतिक खेती न केवल किसानों को आर्थिक रूप से उभरने में मदद करेगी, बल्कि मानव के गिरते हुए स्वास्थ्य को भी ठीक करने में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि कीटनाशकों और रसायनिक उर्वरक के अत्यधिक प्रयोग से ऊपजाऊ भूमि बंजर होती रही है और हमारे खाद्यान्न भी विषैले हो रहे हैं। इन खाद्यान्नों को उपयोग करने वाले लोग नई-नई बीमारियों की चपेट में रहे हैं और लोगों को स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। एक देसी गाय के पालने से किसान 30 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती कर सकता है। इससे न केवल इंसानों को रसायन मुक्त अनाज और सब्जियां मिलेगी बल्कि खाद और कीटनाशकों के रूप में खर्च होने वाले किसानों के हजारों रुपए भी बचेंगे।