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23 साल की नौकरी के बाद खाली हाथ लौटा एनएचएम का कर्मचारी अनिल

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मंडी: राज्य स्वास्थ्य समिति ,एनएचएम, में वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक के पद से खंड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय झंडूता जिला बिलासपुर से रिटायर हुए अनिल महाजन को 23 साल की सेवा के बाद भी कोई भी लाभ नहीं मिला। राज्य स्वास्थ्य समिति अनुबंध कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष ने नवनीत गुलेरिया बताया कि अनिल महाजन ने एनएचएम में 23 साल पूरी ईमानदारी के साथ काम किया। जनता से जुड़े इस महकमे में दिन रात काम करने के बाद भी अनिल महाजन खाली हाथ रिटायर हो गया। उसे न कोई पेंशन मिली और न कोई और वितीय लाभ ही मिल पाया।

यह हाल प्रदेश में कार्यरत 2 हजार से अधिक एनएचएम अनुबंध कर्मचारियों का भी है जो दिन रात स्वास्थ्य विभाग में सेवाए दे रहे हैं। पूर्व भाजपा सरकार में लगातार अपनी मांग को उठाते रहे, आंदोलन भी किए मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद प्रदेश में सता परिवर्तन हुआ और उम्मीद बंधी की अब सुख की सरकार आई है मगर इस सरकार को भी एक साल से ज्यादा समय हो गया मगर कोई भी सुनवाई उनकी नहीं हुई। अनुबंध कर्मचारी लगातार मांग कर रहे हैं कि उनके नियमितिकरण की नीति बनाई जाए और उन्हें नियमित किया जाए।

नवनीत गुलेरिया ने कहा कि वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक के पद से खण्ड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय झडूता जिला बिलासपुर से 31 जनवरी 2024 को सेवानिवृत हुए,सुख की सरकार में भी नहीं हुआ एनएचएम कर्मचारियों के लिए कोई व्यवस्था परिवर्तन,उन्होंने कहा कि एक साल में तीन एनएचएम कर्मचारी खाली हाथ सेवानिवृत्त हुए,लेकिन एनएचएम कर्मचारियों के दुःख को प्रदेश सरकार समझ नहीं पा रही है,निजी कंपनी में कार्यरत कर्मचारियों को भी सेवानिवृत्ति पर वित्तीय लाभ( ग्रेच्युटी) मिलता है, लेकिन एनएचएम कर्मचारियों को किसी प्रकार का कोई वित्तीय लाभ (ग्रेच्युटी) नहीं मिलती है जो की बहुत दुखद बात है तो प्रदेश सरकार जल्द से जल्द एनएचएम कर्मचारियों के लिए स्थाई नीति बनाई जाए अन्यथा मजबूर होकर सभी एनएचएम कर्मचारी को आंदोलन करना पड़ेगा।