पधर/ मंडी: प्रदेश में नेशनल हाई-वे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) फोरलेन के दोनों तरफ का 100-100 मीटर एरिया टाउन एंड कंट्री प्लानिंग यानि टीसीपी के दायरे में शामिल किया गया है। इसके तहत 100 मीटर दायरे में पुराने ढांचे या लैंड यूज को अब बदला नहीं जा सकेगा। साथ ही साढ़े सात मीटर एरिया में कोई नया निर्माण कार्य नहीं हो पाएगा।
ऐसे में मंडी-पठानकोट निर्माणाधीन फोरलेन के अंतर्गत पधर, कुन्नू, पाली आदि क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों की विशेष बैठक पंचायत समिति सभागार पधर में एसडीएम सुरजीत सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में हुई। बैठक में टीसीपी एक्ट के साथ-साथ निर्माणाधीन फोरलेन से जुड़े सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। एसडीएम सुरजीत ठाकुर ने कहा कि गत वर्ष 28 जून को प्रदेश सरकार की ओर से अधिसूचना जारी होने के साथ ही इन क्षेत्रों के विद्यमान भू-उपयोग को भी फ्रीज किया जा चुका है।
टीसीपी अधिनियम-1977 की धारा 30-ए के अनुसार अधिसूचना के समय जिन लोगों की भूमि इस योजना क्षेत्र के अंतर्गत आती है, उनको विकासात्मक गतिविधियों में निर्धारित सीमाओं के अंतर्गत सरकार की ओर से छूट प्रदान की गई है। लेकिन, इस छूट का लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिलेगा, जो उक्त अधिनियम के लागू होने से पहले के भू-मालिक हैं।
फोरलेन योजना क्षेत्र की अधिसूचना जारी होने के बाद जमीन खरीदने वाले लोगों को इसमें कोई भी छूट नहीं मिलेगी। इस क्षेत्र में जो लोग टीसीपी अधिनियम-1977 की धारा 30-ए के तहत छूट के अनुसार विकासात्मक गतिविधि करना चाहते हैं, उन्हें हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना नियम, 2014 (संशोधित 2024 तक) के परिशिष्ट-8 का पालन करना होगा। जिसके लिए नगर योजना अधिकारी कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। बैठक में सबंधित क्षेत्रों के पंचायत प्रधान, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य सहित राजस्व विभाग के अधिकारी और स्थानीय लोग भी मौजूद रहे।