मनाली स्थित अटल बिहारी वाजपेयी इंसिटीयूट ऑफ माउंटेनरिंग इंस्टीट्यूट में इस वर्ष कोई भी कोर्स नहीं होंगे । इसकी जानकारी इंस्टीट्यूट की वेबसाइट में दी गई है लेकिन यह आदेश कहां से आए इंसटीट्यूट ने इसकी जानकारी सांझा नहीं की है।
आपको बता दें कि शिमला हाईकोर्ट ने इंस्टीट्यूट को आदेश जारी किये हैं कि कोविड-19 के चलते इस साल कोई भी कोर्स नहीं करवाए जाएंगे। 1 अक्टूबर को हुई अजय मोहन गोयल की अदालत में पेशी में यह आदेश जारी किए गए हैं। वहीं, 4 नवम्बर 2020 को इस मामले पर आगामी सुनवाई होनी है। कोर्ट ने ये भी आदेश दिए है कि इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर कर्नल नीरज राणा को बिना सैलेरी के आगामी आदेशों तक अपनी सेवाएं देनी होगी ।
विवादों में है माउंटेंरिंग इंसिटीयूट …
कोई भी सरकारी काम जब आउटसोर्स में करवाया जाता है तो जिसकी कीमत 5 लाख से ऊपर होती है तो उस काम को टैंडर प्रक्रिया के माध्यम से करवाया जाता है। लेकिन इंसिटीयूट में 50 से 60 लाख तक कि ट्रेनिंग करवाई गई लेकिन कोई भी टेंडर प्रक्रिया नहीं की गई। इसके इलावा भी कोर्ट में कई केस इंसटीट्यूट के चल रहे हैं।
पैराग्लाइडिंग इंस्ट्रक्टर नहीं ओर खरीद डाले लाखो के पैराग्लाइडर –
आपको बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेंरिंग इंस्टीट्यूट में पैराग्लाइडिंग सीखाने के लिए कोई भी इंस्ट्रक्टर मोजूद नंही है। इसके बाबजूद भी लाखों खर्च करके पैराग्लाइडर की खरीद कर दी गई।
एरो स्पोट्स रूल का भी हुआ था विरोध –
मनाली के पैराग्लाइडरों की माने तो अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेंरिंग इंस्टीट्यूट की तरफ से ऐसे रूल लागू किये जा रहे थे जिससे स्थानीय पैराग्लाइडरों की आजीविका पर असर हो रहा था। जानकारी के अनुसार यह रूल लागू किया जाना था कि कोई भी पैराग्लाइडर किसी को ट्रेनिंग नहीं दे सकता, अगर कोई खुद फ्लाइट करना चाहता है तो उसे भी लाइसेंस लेना होगा। इस तरह के कई नियम लागू किये जा रहे थे जिसका स्थानीय पैराग्लाइडरों ने विरोध किया ।