वैसे तो बाहरी राज्यों से हिमाचल आने वाले हर व्यक्ति के लिए आरटीपीसीआर रिपोर्ट लाना और पंजीकरण ज़रूरी है। निज़ी वाहन में आने वालों तक के लिए ये दोनों अनिवार्य हैं। लेकिन ट्रैन से शिमला पहुंचने वालों के लिए न तो आरटीपीसीआर रिपोर्ट लाना और न ही पंजीकरण करवाना जरूरी है। क्योंकि उनको पूछने वाला कोई नहीं है। ट्रैन कालका से आती है वह हरियाणा में आता है बीच में कोई नाका नहीं है, इसलिए ट्रैन में कोई पूछता नहीं है। हालांकि शिमला कालका में अब सिर्फ एक ही ट्रेन चल रही है। लेकिन उसमें जो मर्जी आ जाए उससे कुछ नहीं पूछा जाता है।
शिमला रेलवे स्टेशन के पास रहने वाले लोगों का कहना है कि कालका से आने वाले यात्रियों के लिए भी पंजीकरण और आरटीपीसीआर रिपोर्ट लाना अनिवार्य होना चाहिए। जब से शिमला में कर्फ्यू लगा है कुछ लोग ट्रेन से शिमला आते हैं और शाम को वापस लौट जाते हैं। इसी तरह पानीपत से एक अंडे बेचने वाला दो टोकरियां लेकर ट्रेन से शिमला पहुंच गया। पूछने पर बताया कि उसको तो रिपोर्ट और पंजीकरण के बारे में ज़रा भी जानकारी नही है। अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या ऐसे लोग कोरोना बांटने शिमला पहुंच रहे हैं।
उधर, शिमला रेलवे स्टेशन अधीक्षक जोगेंद्र सिंह वोहरा का कहना है कि रिपोर्ट चेक और पंजीकरण चेक करना उनका काम नहीं है बल्कि हिमाचल सरकार का काम है। उनका काम सिर्फ़ टिकट चेक करना है। कालका शिमला ट्रेक पर पहले पांच ट्रेनें चलती थी लेकिन कोरोना के चलते सब बंद करनी पड़ी। वर्तमान समय में केवल एक ही ट्रेन चल रही है। हिमाचल में आने वाली ट्रेनों में कोविड जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। कालका से जब ट्रेन चलती है तो वहीं पर थर्मल सकैनिंग की व्यवस्था है।