हिमाचल में पर्यटन से जुड़े लोगों को राहत मिलते हुए नहीं दिख रही है। पहले कोरोनो पाबंधियों फिर भारी बरसात के कारण इन लोगों के उपर मुसिबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। मानसून के लौटने और शारदीय नवरात्रों के शुरू होने से उम्मीद थी की पर्यटक प्रदेश का रुख करेंगे पर ऐसा होता दिख नहीं रहा है।
इस वीकेंड पर प्रदेश की अधिकतर नगरियों में सैलानी कम ही देखने को मिल रहे हैं। नवरात्रों के शुरू होने से धर्मशाला के हॉटल मालिकों को अच्छे कारोबार की उम्मीद थी। पर यंहा पर नीजी हॉटलों में 15 फीसदी ही कमरे बुक रहे। जबकि सरकारी हॉटलों में आक्यूपेंसी 70 फीसदी रही। डलहोजी में तो इस से भी बुरी हालत रही। वहां मात्र 40 प्रतिशत कमरे ही भरे रहे।
वहीं मंडी में चुनावों का असर पर्यटन क्षेत्र पर पड़ने लगा है। जिले के अधिकतर शहरों में सैलानी कम ही दिख रहे हैं। जिले के हॉटलों में 20 फीसदी से कम आक्यूपंसी दर्ज की गई। और तो और मनाली में भी 35 प्रतिशत ही कमरे बुक रहे।
पर्यटकों ने किया शिमला, कसौली का रुख
चण्डीगढ़ के पास पड़ने वाले कसौली में कारों से सड़कें भरी दिखी। यहां पर सभी हॉटलों में 100 प्रतिशत कमरे बुक रहे हैं। शिमला के हॉटल में भी 70 फीसदी आक्यूपंसी दर्ज की गई है। वहीं, शिमला के पास पड़ने वाले चैल, सोलन में हॉटल मालिकों को निराशा ही हाथ लगी।
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