मंडी सदर के विधायक ने मंडी सदर के कोटली तहसील क्षेत्र की उपेक्षा करने का आरोप इशारों ही इशारों में अपने ही दल की सरकार और मुख्यमंत्री पर लगाया है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए जारी वीडियो बयान में कहा कि न जाने कोटली का कार्यक्रम बनाकर फिर उससे कदम क्यों खींच लिए जाते हैं। यदि 15 अगस्त कोटली में मनाया जाता तो यह एक ऐतिहासिक कदम होता और कोटली तहसील को कई सौगातें मिलती।
उन्होंने कहा कि उन्हें कार्यकर्ताओं के माध्यम से पता चला कि कोटली में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम बन रहा है और उनसे वहां पर एसडीएम कार्यालय, विकास खंड कार्यालय व अन्य कई प्रोजेक्ट की मांग की जाएगी। जब वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री थे और मैं और ठाकुर कौल सिंह उनके मंत्रीमंडल में होते थे। मैं एजेंडे में न होने के बावजूद भी मंत्रीमंडल की बैठक में कोटली के लिए कभी कॉलेज, कभी तहसील, आईटीआई थाना और अन्य देने की जिद करता था और वीरभद्र सिंह मान जाते थे।
उन्होंने कहा कि पिछले साढे़ तीन चार साल से उनके इस क्षेत्र में एक प्राइमरी स्कूल तक नहीं खोला गया, बड़े प्रोजेक्ट की बात ही दूर है। वक्त के बदलने से लोगों की इच्छाएं भी बढ़ जाती हैं । फिर जब बालीचौकी, जुब्बल और कोटखाई में एसडीएम कार्यालय खुल सकते हैं तो कोटली में क्यों नहीं । उन्होंने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि कोटली में नया विकास खंड साथ लगते धर्मपुर और जोगिंदरनगर की पंचायतों को मिला कर बनाया जा सकता है। यदि सदर विकास खंड की पंचायतों को उसमें जोड़ गया तो इससे लोगों में रोष पैदा हो सकता है।
वीडियो में अनिल शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री से आग्रह कर रहे हैं कि 191 मैगावाट की जल विद्युत परियोजना थाना प्लौन जो कोटली तहसील में बननी है, जिसकी सभी तरह की क्लीरियंस होने की बात ऊर्जा मंत्री ने विधानसभा में दी है का कोटली में आकर शिलान्यास करें। इस परियोजना पर खर्च भी कम आएगा और मुख्यमंत्री का गृह जिला है उसके लिए वह पैसे का इंतजाम कर सकते हैं। मुख्यमंत्री यदि कोटली आते हैं तो उनका स्वागत है, आएं और लोगों को सौगातें देकर जाएं। इससे लोगों का हौंसला भी बढ़ेगा, अच्छा हो कि मुख्यमंत्री मंडी लोक सभा उपचुनाव की घोषणा से पहले आएं और ये सब घोषणा करें।