बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। इस संबंध में दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने सीबीआई से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि 265 करोड़ के घोटाले में सीबीआई की जांच सिर्फ 22 शैक्षणिक संस्थानों तक सीमित है, जबकि इसमें 2772 शैक्षणिक संस्थान संलिप्त हैं। हाईकोर्ट ने याचिका को गंभीरता से लिया है। मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी और न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी की खंडपीठ ने राज्य सरकार सहित सीबीआइ को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
सीबीआई की ओर से अदालत से गुहार लगाई गई कि रिपोर्ट सील्ड कवर में दायर करने की अनुमति दी जाए। कोर्ट ने इस आग्रह को स्वीकार कर लिया। याचिका में राज्य के मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक और सीबीआइ को प्रतिवादी बनाया गया है। मामले की आगामी सुनवाई 14 नवंबर को निर्धारित की गई है।
जनहित में दायर याचिका में प्रार्थी ने छात्रवृत्ति घोटाले के बारे में दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों को भी संलग्न किया है। इनके अनुसार प्रारंभिक जांच में सीबीआई ने बड़ा खुलासा किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी को छानबीन में पता चला है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों व निजी शिक्षण संस्थानों में छात्रवृत्ति हड़पने के लिए रैकेट चल रहा था।