सरकारी क्षेत्र में प्रथम, द्वितीय, तृतीय तथा चतुर्थ श्रेणी के पदों में समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस संदर्भ में आज प्रदेश सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी। शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश पर भी आरक्षण मिलेगा। उल्लेखनीय है कि पहली जून को हुई कैबिनेट मीटिंग में इस संदर्भ में सरकार ने निर्णय लिया था।
इस निर्णय से चार लाख रुपए से कम की सालाना पारिवारिक आय वाले तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए वर्तमान आरक्षण योजनाओं में न आने वाले उम्मीदवारों को लाभ मिलेगा। गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले साल ही दस फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया था, जिसके बाद प्रदेश की जयराम सरकार ने भी अंतिम मुहर लगा दी।
यह लोग होंगे आरक्षण के पात्र
आरक्षण की पात्रता के लिए 1 हेक्टेयर से कम कृषि भूमि शहरी क्षेत्र में 500 वर्ग मीटर से ज्यादा भूमि नहीं होनी चाहिए दो घर या फ्लैट ढाई हजार वर्ग फुट से ज्यादा नहीं होना चाहिए। तीन सामान्य वर्ग के सभी बीपीएल और वह ग्रामीण अभ्यार्थी जिनकी परिवारिक आए चार लाख से कम हो वह पात्र हैं चार इनकम टैक्स देने वाले केंद्र व राज्य सरकार बोर्ड निगम और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में नियमित अनुबंध कर्मचारियों के परिवार के सदस्य के पात्र नहीं होंगे। वहीं आरक्षण का लाभ लेने के लिए आवेदक को आय और संपत्ति का सर्टिफिकेट बनवाना आवश्यक होगा।
यह प्रमाण पत्र उपायुक्त अतिरिक्त उपायुक्त अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट क्षेत्र का एसडीएम और तहसीलदार जारी कर सकेगा। इसके अलावा यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि अवैध की जानकारी अगर झूठी निकलती है तो उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं कोई भी आवेदक जो स्वर्ण कोटे में आरक्षित कोटे में आता हो अगर वह चाहता है कि ओपन कैटिगरी में उसने आवेदन करना है तो उसका भी प्रावधान पहले की तरह ही रहेगा और वह ओपन कोटे से भी आवेदन कर सकता है।