नो कंस्ट्रक्शन जोन। मतलब यहां कुछ नहीं बनाना है लेकिन ये नियम सिर्फ अखवारों में छपने से अधिक कुछ नहीं है और अगर कोई आवाज उठा दे तो विभाग नोटिस भेजकर पल्ला झाड़ लेते हैं।
दरअसल यहां अब अवैध निर्माण के साथ-साथ अवैध अतिक्रमण भी अपना पांव पसारने लगा है। यहां पर कोई ईमारत बिलिंग के टॉप पर नहीं बन सकती लेकिन फिर भी बनाई जा रही हैं। हैरानी तो इस बात की है कि यहां प्रदेश के बड़े-बड़े आला अधिकारी ही नहीं बल्कि बहुत से राजनेता भी यहां घूमने आते हैं। लेकिन अवैध अत्तिक्रमण जो बिलकुल सड़क के साथ ही पहुंच चुका है पर किसी की निगाह नहीं पड़ रही हैं।
गौरतलब है कि बीड़ बिलिंग में साडा ने नियमों के विरुद्ध अवैध निर्माण को लेकर सख्ती बरतते हुए विभाग द्वारा नियमों के विरुद्ध बनाए गए 3 दुकान मालिकों को नोटिस भी जारी किए थे। सभी मालिकों को निर्माण कार्य अविलम्ब बन्द करने के भी निर्देश दिए गए थे। साथ ही आईपीएच और बिजली विभाग दोनों विभागों से आग्रह किया गया था कि अब किसी भी निर्माण कार्य की स्वीकृति देखकर और नियमों के विरुद्ध बनाये भवन मालिकों को नियमों के तहत ही कनेक्शन जारी किए जाएं। लेकिन इन बातों पर कोई अमल नहीं हुआ और अतिक्रमण बढ़ता ही जा रहा है।
बता दें कि यहां पर्यटकों में कुछ युवाओं का कहना है कि यहां अतिक्रमण रोकने के लिए अगर नियम है तो नोटिस नहीं सीधे तोड़ने के आदेश होने चाहिएं लेकिन अधिकारी नोटिस से ही पल्ला छुड़वा लेते हैं।
वहीं स्थानीय लोग भी इसे गलत मानते हैं और कहते हैं की आज एक ने बनाया कल हम भी बना लेंगे क्या फर्क पड़ता है, सिर्फ हम देख रहे हैं कि सरकार इस अवैध निर्माण को लेकर क्या करती है। वहीं बिलकुल सड़क के साथ बनी ईमारत से गाड़ियों की क्रॉसिंग में खासी दिक्कत होती नज़र आ रही है।